नाहरगढ़ जैविक उद्यान | 10 Dec 2025
राजस्थान के जयपुर स्थित नाहरगढ़ जैविक उद्यान (नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा) में लॉयन सफारी के दौरान एक बस में आग लग गई, जिससे पारिस्थितिक पर्यटन क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों, वाहन रखरखाव और पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर चिंताएँ उत्पन्न हो गई है।
नाहरगढ़ जैविक उद्यान
- नाहरगढ़ जैविक उद्यान: जयपुर से लगभग 12 किमी. दूर स्थित, यह नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य (Nahargarh Wildlife Sanctuary- WLS) के भीतर है और अरावली पहाड़ियों में स्थित है।
- यहाँ 285 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसकी सबसे प्रमुख पक्षी प्रजाति व्हाइट-नेप्ड टिट है, जो केवल इसी क्षेत्र में पाई जाती है।
- राम सागर झील पक्षी विज्ञानी और पक्षी प्रेमियों के लिये एक प्रमुख स्थल के रूप में कार्य करती है।
नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य (WLS)
- नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य (WLS): यह अरावली पहाड़ियों में स्थित है और इसका नाम 18वीं शताब्दी में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित नाहरगढ़ किले के नाम पर रखा गया है।
- नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य, जो नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के भीतर स्थित है, अपने लॉयन सफारी के लिये प्रसिद्ध है।
- वनस्पति और जीव:
- वनस्पति (Flora): इसमें शुष्क पर्णपाती वन, झाड़ियों वाले क्षेत्र और घास के मैदान पाए जाते हैं।
- जीव (Fauna): यहाँ एशियाई शेर, रॉयल बंगाल टाइगर, मगरमच्छ, स्लॉथ बीयर, हिमालयन ब्लैक बीयर और वाइल्ड बोर/जंगली सुअर पाए जाते हैं।
अरावली पर्वतमाला
- परिचय: यह विश्व की सबसे पुरानी पर्वत पर्वतमालाओं में से एक है, जो गुजरात से दिल्ली तक राजस्थान और हरियाणा के माध्यम से लगभग 800 किमी. तक फैली हुई है।
- इसकी सबसे ऊँची चोटी माउंट आबू पर गुरु शिखर है और इससे बनास, साहिबी और लूनी जैसी नदियों का उद्गम होता हैं।
- महत्त्व: यह संसाधनों से समृद्ध है और पश्चिमी मरुस्थल के लिये प्राकृतिक अवरोध का काम करता है।
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