मुगल लघु चित्रकला | 03 Nov 2025

स्रोत: IE

चर्चा में क्यों?

लंदन में आयोजित एक नीलामी में एक मुगल लघुचित्र 13.64 मिलियन अमेरिकी डॉलर में बिका, जिससे यह अब तक की सबसे महँगी भारतीय पेंटिंग्स में से एक बन गया है — यह मूल्य एम.एफ. हुसैन की वर्ष 1954 की शीर्षकहीन कृति (ग्राम यात्रा) के 13.75 मिलियन अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड के लगभग बराबर है।

  • सम्राट अकबर (1556–1605) के शासनकाल में बनी यह पेंटिंग सुनहरी आभा के साथ अपारदर्शी रंगों में चित्रित की गई है।
  • इसमें फर और परिदृश्य के सूक्ष्म विवरणों के माध्यम से यथार्थवाद और गहराई का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया है।

मुगल चित्रकला के संबंध में मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • उत्पत्ति: 16वीं शताब्दी में विकसित मुगल चित्रकला शैली एक लघु कला रूप थी, जिसमें फारसी और भारतीय शैलियों का सुंदर संगम दिखाई देता है।
    • इसे मुख्यतः पांडुलिपियों की चित्र सज्जा और एलबम कला के लिये उपयोग किया गया, जिससे यह मुगल कला की उत्कृष्टता का प्रतीक बन गई।
  • विकास:
    • बाबर (1526-1530): अपने छोटे शासनकाल और विजय पर ध्यान केंद्रित करने के कारण चित्रकला में कोई बड़ा योगदान नहीं दिया।
    • हुमायूँ (1530-1540, 1555-1556): फारस में शाह तहमास्प के दरबार में निर्वासन के बाद, हुमायूँ ने भारत में फारसी प्रभावों को पेश किया और शाही कलाकार मीर सैयद अली और ख्वाजा अब्दुस समद को लाकर शाही कार्यशाला (तस्वीर खाना) की स्थापना की।
      • प्रिंसेस ऑफ द हाउस ऑफ तैमूर (लगभग 1550) नामक पेंटिंग इस काल का एक उल्लेखनीय उदाहरण है।
    • अकबर (1556-1605): वह मुगल चित्रकला के वास्तविक संस्थापक थे, जिन्होंने इंपीरियल एटेलियर की स्थापना की और फारसी तकनीकों को भारतीय विषयों और प्रकृतिवाद के साथ मिश्रित किया।
      • प्रमुख कलाकार: बसावन, दसवंत, लाल, मिस्किन, केसु दास।
      • उन्होंने यथार्थवादी मानवीय अभिव्यक्तियों के साथ एक भारतीय रंग पैलेट (जैसे पीकॉक ब्लू और इंडियन रेड) पेश किया, जबकि जेसुइट मिशनरियों के यूरोपीय प्रभावों ने परिप्रेक्ष्य और छायांकन को जोड़ा।
    • जहाँगीर (1605–1627): जहाँगीर के संरक्षण में मुगल चित्रकला अपने चरम पर पहुँची। इस काल में चित्रों का केंद्र बिंदु कथात्मक दृश्यों से हटकर चित्रांकन, प्राकृतिक अध्ययन और एलबम कला की ओर स्थानांतरित हुआ।
      • मुख्य विषय: चित्रांकन, पक्षी, पुष्प, पशु तथा प्रकृति पर आधारित अध्ययन।
      • प्रमुख कलाकार: उस्ताद मंसूर (जिनकी प्रसिद्ध कृति रेड ब्लॉसम्स है), अबू अल हसन और बिचित्र।
    • शाहजहाँ (1628–1658): उन्होंने कला को संरक्षण तो दिया, लेकिन नवीनता में कमी रखी, जिससे मुगल चित्रकला अधिक अलंकरणयुक्त और औपचारिक बन गई। इस काल की चित्रकलाओं में दरबारी दृश्य, संगीत एवं प्रेम जैसे विषय प्रमुख रहे, साथ ही सोने और सजावटी आकृतियों का अधिक प्रयोग किया गया।
    • औरंगज़ेब (1658–1707): उन्होंने चित्रकला में बहुत कम रुचि दिखाई और इसे गैर-इस्लामी माना, जिसके परिणामस्वरूप शाही संरक्षण में गिरावट आई।
      • कई कलाकार राजपूत और दक्कन के दरबारों की ओर चले गए, जहाँ आगे चलकर बीकानेर, हैदराबाद और लखनऊ जैसे प्रांतीय कार्यशालाओं में यह परंपरा जीवित रही।
    • उत्तर मुगल काल (18वीं शताब्दी): मुहम्मद शाह रंगीला (1719–1748) के शासनकाल में कला का अल्पकालिक पुनरुत्थान हुआ, जिसमें प्रेम और मनोरंजन विषयों पर आधारित चित्र बनाए गए। हालाँकि शाह आलम द्वितीय के काल तक आते-आते मुगल चित्रकला का पतन हो गया और उसका स्थान राजपूत तथा कंपनी शैली की चित्रकलाओं ने ले लिया।
  • विरासत और प्रभाव: मुगल चित्रकला एक विशिष्ट शास्त्रीय भारतीय शैली के रूप में विकसित हुई, जिसने 18वीं–19वीं शताब्दी में राजपूत (बीकानेर, बूंदी, किशनगढ़) और दक्कन–कंपनी शैली की चित्रकलाओं को प्रभावित किया।
    • इसने साम्राज्य से परे दरबारी कला की परंपरा को बनाए रखा और भारतीय कला में वैज्ञानिक प्राकृतिकवाद (Scientific naturalism) की नींव रखी, जिसका उदाहरण जहाँगीर के प्राकृतिक अध्ययनों में देखा जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. बसावन की चीता मिनिएचर (चित्रकला) का क्या महत्त्व है?

यह कृति (लगभग 1575–80) बसावन को समर्पित मानी जाती है, जो अकबर के दरबार के प्रमुख कलाकारों में से एक थे। इसे मुगल चित्रकला में प्राकृतिक इतिहास पर आधारित शुरुआती अध्ययनों में से एक माना जाता है।

2. अकबर के दरबार में प्रमुख चित्रकार कौन-कौन थे?

प्रमुख कलाकारों में बसावन, दासवंत, लाल, मिस्किन और केसू दास शामिल थे, जिन्होंने हमज़ानामा और अकबरनामा जैसे महत्त्वपूर्ण पांडुलिपियों को चित्रित किया।

3. जहाँगीर के शासनकाल में मुगल मिनिएचर चित्रों की विशिष्ट कलात्मक विशेषताएँ क्या थीं?

जहाँगीर के काल में सूक्ष्म रेखांकन, प्राकृतिक अध्ययन (पक्षी, पशु, पुष्प), चित्रांकन और सुस्पष्ट एक-बिंदु परिप्रेक्ष्य पर विशेष बल दिया गया। यह काल मुगल प्राकृतिकवाद और व्यक्तिगत चित्रकला की चरम सीमा का प्रतीक था।

UPSC, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रिलिम्स

प्रश्न. बोधिसत्व पद्मपाणि का चित्र सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्रायः चित्रित चित्रकारी है, जो (2017) 

(a) अजंता में है
(b) बादामी में है
(c) बाघ में है
(d) एलोरा में है

उत्तर: (a)


प्रश्न. भारत की कला व संस्कृति के इतिहास के संबंध में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2014)

विख्यात मूर्तिशिल्प

स्थल

1. बुद्ध के महापरिनिर्वाण की एक भव्य प्रतिमा, जिसमें ऊपर की ओर अनेकों दैवी संगीतज्ञ तथा नीचे की ओर उनके दुखी अनुयायी दर्शाए गए हैं

अजंता 

2. प्रस्तर पर उत्कीर्ण विष्णु के वराह अवतार की विशाल प्रतिमा, जिसमें वह देवी पृथ्वी को गहरे विक्षुब्ध सागर से उबारते दर्शाए गए हैं

माउंट आबू

3. विशाल गोलाश्मों पर उत्कीर्ण "अर्जुन की तपस्या"/"गंगा-अवतरण"

मामल्लपुरम

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)  


प्रश्न. निम्नलिखित ऐतिहासिक स्थलों पर विचार कीजिये: (2013)

  1. अजंता की गुफ़ाएँ
  2. लेपाक्षी मंदिर 
  3. साँची स्तूप

उपर्युक्त स्थलों में से कौन-सा/से भित्ति चित्रकला के लिये भी जाना जाता है/जाने जाते हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल I और 2
(c) 1, 2 और 3
(d) कोई नहीं

उत्तर: (b)