माउंट एटना | 18 Nov 2023

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

माउंट एटना, यूरोप का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी और विश्व के सबसे बड़े ज्वालामुखियों में से एक है और इसमें फरवरी 2023 से निरंतर प्रस्फूटन हो रहा है, जिससे राख एवं लावा आसमान में फैल रहा है।

माउंट एटना के विषय में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • माउंट एटना एक स्ट्रैटोवोलकानो है, जिसका अर्थ है कि यह लावा, राख और चट्टानों की परतों से बना है जो हज़ारों वर्षों के विस्फोटों से जमा हुए हैं।
  • यह सिसिली के पूर्वी तट पर स्थित है, जो भूमध्य सागर में इटली का एक द्वीप है।
    • यह समुद्र तल से लगभग 3,300 मीटर ऊपर है और लगभग 1,200 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है।
  • माउंट एटना में चार शिखर क्रेटर और सैकड़ों पार्श्व छिद्र हैं जो विभिन्न प्रकार के विस्फोट कर सकते हैं, जैसे कि विस्फोटक, प्रवाहकीय या मिश्रित।
  • माउंट एटना में 1500 ईसा पूर्व से लगभग लगातार विस्फोट हो रहा है, जिससे यह विश्व के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक बन गया है।

ज्वालामुखी क्या है?

  • परिचय:
    • ज्वालामुखी वे छिद्र या खुला भाग होता है जहाँ से लावा, चट्टानें और भाप पृथ्वी के धरातल पर प्रकट होता है।
    • वे अपने स्वयं के विस्फोटों और टेक्टोनिक प्लेटों की गति तथा टकराव दोनों के माध्यम से ग्रह के सामान्य गठन परिणामस्वरूप होते हैं।
  • ज्वालामुखी के प्रकार:
    • विस्फोट की आवृत्ति के आधार पर:
    • सक्रिय ज्वालामुखी:
      • इसमें निरंतर प्रस्फूटन होता रहता है ये मुख्यतः प्रशांत रिंग ऑफ फायर के निकट पाए जाते हैं जिसमें न्यूज़ीलैंड, दक्षिण-पूर्व एशिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं।
        • पूरे विश्व में लगभग 90% भूकंप इसी क्षेत्र में आते हैं।
      • ज्वालामुखीय गतिविधि प्लेट विवर्तनिकी की गति और टकराव से जुड़ी हुई है।
      • उदाहरणतः हवाई में किलाउआ और ग्वाटेमाला में सांता मारिया शामिल हैं।
    • निष्क्रिय ज्वालामुखी:
      • ये विलुप्त नहीं हैं लेकिन हाल के इतिहास में इनमें विस्फोट नहीं हुआ है। भविष्य में सुप्त ज्वालामुखी फूट सकते हैं।
      • उदाहरण: तंजानिया में स्थित माउंट किलिमंजारो, जो अफ्रीका का सबसे ऊँचा पर्वत भी है, एक सुप्त ज्वालामुखी के रूप में जाना जाता है।
    • विलुप्त या निष्क्रिय ज्वालामुखी:
      • भूवैज्ञानिक सुदूर अतीत में विलुप्त या निष्क्रिय ज्वालामुखी पर काम नहीं करते थे।
      • उदाहरण: धिनोधर पहाड़ी, गुजरात। 
         
        • विस्फोट के प्रकार के आधार पर:
          • बेसिक:
            • बेसिक मैग्मा बेसाल्ट की तरह गहरे रंग का होता है, इसमें आयरन तथा मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है किंतु सिलिका की मात्रा कम होती है। वे दूर तक विस्तृत हो सकते है और व्यापक ढाल वाले ज्वालामुखी उत्पन्न करते हैं।
          • एसिडिक :
            • ये हल्के रंग के कम घनत्व वाले होते हैं तथा इनमें सिलिका का प्रतिशत अधिक होता है, इसलिये ये एक परिचित शंकु ज्वालामुखी आकार बनाते हैं।
  • ज्वालामुखी विस्फोट के पूर्वानुमान के लिये उपकरण व तरीके:
    • भूकंपीय आँकड़ा:
      • भूकंप एवं बाद के झटकों पर नज़र रखना जो आसन्न ज्वालामुखी विस्फोट का संकेत दे सकते हैं।
    • भूमि विरूपण (ग्राउंड डिफॉर्मेशन):
      • स्थल में हुए बदलावों का अवलोकन करना, जो मैग्मा की गति का संकेत देता है।
    • गैस उत्सर्जन और गुरुत्वाकर्षण परिवर्तन:
      • ज्वालामुखीय गैस उत्सर्जन, गुरुत्वाकर्षण एवं चुंबकीय क्षेत्र के परिवर्तन का विश्लेषण करना।

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  सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. बैरेन द्वीप ज्वालामुखी भारतीय क्षेत्र में स्थित एक सक्रिय ज्वालामुखी है।
  2. बैरेन द्वीप ग्रेट निकोबार से लगभग 140 किमी. पूर्व में स्थित है।
  3. पिछली बार वर्ष 1991 में बैरन द्वीप ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था और तब से यह निष्क्रिय है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) केवल 1 और 3

उत्तर: A


मेन्स:

प्रश्न. 2021 में ज्वालामुखी विस्फोटों की वैश्विक घटनाओं का उल्लेख करते हुए क्षेत्रीय पर्यावरण पर उनके प्रभाव को बताइये। (2021)