अमरनाथ गुफा तीर्थ तक मोटर योग्य सड़क | 14 Nov 2023

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) ने एक मोटर योग्य सड़क का निर्माण पूरा कर लिया है जो कश्मीर की लिद्दर घाटी में अमरनाथ गुफा तीर्थ को बालटाल आधार शिविर से जोड़ती है, जिससे भक्तों के लिये तीर्थयात्रा अधिक सुलभ और आरामदायक हो गई है।

  • यह सुविधा बालटाल सड़क (Baltal Road) के सफल उन्नयन के परिणामस्वरूप प्राप्त हुई, जो प्रोजेक्ट बीकन (Project Beacon) के निरंतर प्रयासों के माध्यम से हासिल की गई एक उपलब्धि है।

नोट:

  • प्रोजेक्ट बीकन BRO का सबसे पुराना उपक्रम है, इसकी स्थापना 18 मई, 1960 को हुई थी, इसका मुख्यालय श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में था
    • इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत वर्तमान में कश्मीर के प्रमुख क्षेत्रों में सड़क अवसंरचना के विकास एवं रखरखाव का ध्यान रखा जाता है।

अमरनाथ गुफा तीर्थ के संबंध में प्रमुख तथ्य क्या हैं?

  • अमरनाथ पर्वत के दक्षिण में एक गुफा है जो अमरनाथ गुफा के नाम से प्रसिद्ध है। यह गुफा अमरनाथ मंदिर स्थल है, जो भारत के जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग ज़िले की पहलगाम तहसील में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है।
    • यह तीर्थ स्थल 3,800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, जो तीर्थयात्रा की चुनौतीपूर्ण प्रकृति में योगदान देता है।
  • अमरनाथ शिखर, हिमालय का एक हिस्सा, जम्मू-कश्मीर के गांदरबल ज़िले में, सोनमर्ग के आसपास, 5,186 मीटर की ऊँचाई वाला एक पर्वत है
  • अमरनाथ यात्रा अमरनाथ गुफा की एक वार्षिक तीर्थयात्रा है, जहाँ भक्त बर्फ द्वारा निर्मित एक आकृति पर श्रद्धा अर्पित करते हैं, जिसे भगवान शिव का लिंग (शिवलिंग) माना जाता है।
    • बर्फ की वह आकृति प्रत्येक वर्ष गर्मियों के महीनों के दौरान बनती है तथा जुलाई और अगस्त में अपने अधिकतम आकार तक पहुँच जाती है, जब हज़ारों हिंदू श्रद्धालु गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा करते हैं।
  • पारंपरिक पहुँच मार्ग:
    • तीर्थयात्री ऐतिहासिक रूप से दो मार्गों पहलगाम और सोनमर्ग के माध्यम से मंदिर तक पहुँचते थे, दोनों लिद्दर घाटी में स्थित हैं, प्रत्येक मार्ग कठिन चुनौतियाँ पेश करता था।
    • तीर्थयात्रियों के पास मंदिर से 6 किमी. दूर स्थित बालटाल से पंचतरणी तक हेलिकॉप्टर सेवाओं का उपयोग करने का विकल्प भी था। हालाँकि पारिस्थितिक चिंताओं के कारण सीधे मंदिर तक सेवाएँ बंद कर दी गईं।