मियावाकी वृक्षारोपण विधि | 20 Jun 2023

भारत के प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' के अपने हालिया एपिसोड में मियावाकी वृक्षारोपण की अवधारणा पर चर्चा की। उन्होंने सीमित स्थानों में घने शहरी वन स्थापित करने की जापानी तकनीक पर प्रकाश डाला।

  • उन्होंने केरल के एक शिक्षक रफी रामनाथ की प्रेरक कहानी का भी उल्लेख किया, जिन्होंने मियावाकी पद्धति का उपयोग करके भूमि के एक बंजर टुकड़े को विद्यावनम नामक लघु वन में परिवर्तित कर दिया।

मियावाकी वृक्षारोपण विधि: 

  • परिचय:  
    • मियावाकी पद्यति के प्रणेता जापानी वनस्पति वैज्ञानिक अकीरा मियावाकी (Akira Miyawaki) हैं। इस पद्यति से बहुत कम समय में जंगलों को घने जंगलों में परिवर्तित किया जा सकता है।
    • यह कार्यविधि 1970 के दशक में विकसित की गई थी, जिसका मूल उद्देश्य भूमि के एक छोटे से टुकड़े के भीतर हरित आवरण को सघन बनाना था।
    • इस कार्यविधि में पेड़ स्वयं अपना विकास करते हैं और तीन वर्ष के भीतर वे अपनी पूरी लंबाई तक बढ़ जाते हैं।
      • मियावाकी पद्धति में उपयोग किये जाने वाले पौधे ज़्यादातर आत्मनिर्भर होते हैं और उन्हें खाद एवं जल देने जैसे नियमित रख-रखाव की आवश्यकता नहीं होती है।
  • महत्त्व: 
    • स्थानीय वृक्षों का घना हरा आवरण उस क्षेत्र के धूल कणों को अवशोषित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है जहाँ उद्यान स्थापित किया गया है। साथ ही पौधे सतह के तापमान को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं।
      • इन वनों के लिये उपयोग किये जाने वाले कुछ सामान्य स्थानीय पौधों में अंजन, अमला, बेल, अर्जुन और गुंज शामिल हैं।
    • ये वन नई जैव-विविधता और एक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करते हैं जिससे मृदा की उर्वरता में वृद्धि होती है। 

मुंबई में मियावाकी वन पद्धति:

  • मुंबई जैसे एक सीमित क्षेत्र वाले शहर में मियावाकी वृक्षारोपण पद्धति हरित आवरण को पुनर्प्राप्त करने में काफी मददगार साबित हुई है।
  • जलवायु परिवर्तन से निपटने, प्रदूषण के स्तर को कम करने और शहर के हरित आवरण में वृद्धि करने के लिये मुंबई के विभिन्न खाली भूमि क्षेत्रों में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा मियावाकी वन दृष्टिकोण को लागू किया जा रहा है।
    • मुंबई में अब तक 64 मियावाकी वन लगाए जा चुके हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. "मियावाकी पद्धति" किसके लिये विख्यात है: (2022) 

(a) शुष्क और अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में वाणिज्यिक कृषि का संवर्द्धन 
(b) आनुवंशिकतः रूपांतरित पुष्पों का प्रयोग कर उद्यानों का विकास 
(c) शहरी क्षेत्रों में लघु वनों का सृजन  
(d) तटीय क्षेत्रों और समुद्री सतहों पर पवन ऊर्जा का संग्रहण 

उत्तर: (c)  

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस