मित्र शक्ति-2025 | 12 Nov 2025
भारत और श्रीलंका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास "अभ्यास मित्र शक्ति-2025" का 11वाँ संस्करण, रक्षा सहयोग को मज़बूत करने और आतंकवाद-रोधी तथा शांति अभियानों में अंतर-संचालनीयता बढ़ाने के लिये कर्नाटक के बेलगावी में आयोजित किया गया।
- मित्र शक्ति अभ्यास: यह भारतीय और श्रीलंकाई सेनाओं के बीच एक वार्षिक संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास है, जो वर्ष 2012 से दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
- उप-परंपरागत और संयुक्त आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन: इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के अध्याय VII (शांति के लिये खतरों, शांति के उल्लंघन और आक्रामकता के कृत्यों से संबंधित कार्रवाई से संबंधित) के तहत उप-परंपरागत ऑपरेशनों के संचालन का संयुक्त रूप से पूर्वाभ्यास करना है।
- इस अभ्यास का उद्देश्य आतंकवाद-रोधी अभियानों के दौरान संयुक्त प्रतिक्रिया को समन्वित करना है।
- अभ्यास मित्र शक्ति-2025 में परिचालन प्रभावशीलता बढ़ाने के लिये ड्रोन और काउंटर मानवरहित हवाई प्रणाली (C-UAS) का उपयोग शामिल है।
भारत-श्रीलंका रक्षा और सुरक्षा सहयोग
- श्रीलंका भारत के 'महासागर विज़न' के लिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह हिंद महासागर के प्रमुख नौवहन मार्गों के निकट रणनीतिक स्थान पर स्थित है।
- संयुक्त सैन्य अभ्यास: अभ्यास मित्र शक्ति (सेना) और स्लाइनेक्स (नौसेना) प्रत्येक वर्ष भारत और श्रीलंका में बारी-बारी से आयोजित किये जाते हैं।
- मानवीय एवं पर्यावरणीय सहायता: श्रीलंकाई जलक्षेत्र में समुद्री आपातस्थितियों के दौरान भारत “प्रथम प्रतिक्रियादाता” रहा है।
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पर्यावरणीय आपदाओं को रोकने के लिये भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने एमवी एक्स-प्रेस पर्ल आपदा (2021) और एमटी न्यू डायमंड जहाज़ में आग लगने की घटना (2020) जैसी घटनाओं में हस्तक्षेप किया।
- क्षमता निर्माण पहल: भारत सरकार के अनुदान के तहत श्रीलंका नौसेना के लिये समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) की स्थापना की गई, जिसे वर्ष 2024 में चालू किया गया था।
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