क्वांटम कंप्यूटिंग के लिये फोनाॅन में हेर-फेर | 22 Jun 2023

हाल के एक अध्ययन में IBM के शोधकर्त्ताओं ने क्वांटम कंप्यूटिंग के लिये उपयोग किये जाने वाले फोनाॅन में हेर-फेर करने हेतु’ एक ध्वनिक बीम-स्प्लिटर विकसित किया है, जो संभावित रूप से पारंपरिक कंप्यूटरों की पहुँच से परे जटिल समस्याओं को हल कर सकता है।

  • आमतौर पर प्रकाशिकी अनुसंधान में उपयोग किये जाने वाले बीम-स्प्लिटर, प्रकाश की किरण को दो भागों में विभाजित करते हैं। बीम-स्प्लिटर की कार्यप्रणाली क्वांटम भौतिकी पर आधारित है।

फोनाॅन: 

  • फोनाॅन कंपन ऊर्जा के पैकेट हैं और इन्हें ध्वनि के क्वांटम समकक्ष माना जा सकता है।
  • फोटॉन, जो प्रकाश ऊर्जा के पैकेट हैं, के समान फोनाॅन संभावित रूप से क्वांटम कंप्यूटिंग (क्यूबिट्स) में सूचना की इकाइयों के रूप में काम कर सकते हैं।
    • शोधकर्त्ता क्वांटम कंप्यूटिंग उद्देश्यों के लिये फोनाॅन में हेर-फेर और नियंत्रण करने के तरीकों की जाँच कर रहे हैं।
    • इलेक्ट्रॉन्स या फोटॉन में हेर-फेर के अनुरूप फोनाॅन में हेर-फेर करने के तरीकों की पहचान करना चुनौतीपूर्ण है।

ध्वनिक बीम-स्प्लिटर:

  • यह धातु की छड़ों से बना कंघी के आकार का एक छोटा उपकरण है। इसे लिथियम नायोबेट से बने एक छोटे चैनल में रखा गया था।
  • चैनल के प्रत्येक छोर पर एक सुपरकंडक्टिंग क्यूबिट था जो अलग-अलग फोनाॅन्स (Phonons) का उत्सर्जन कर सकता था और उनके बारे में पता लगा सकता था।
  • पूरे सेट-अप को बहुत कम तापमान पर रखा गया था। फोनाॅन्स अरबों परमाणुओं के सामूहिक कंपन का प्रतिनिधित्व करते हैं और उसी तरह व्यवहार करते हैं जिस प्रकार फोटॉन एक ऑप्टिकल बीम-स्प्लिटर के साथ अभिक्रिया करते हैं।
  • एक फोनाॅन को जब एक तरफ से उत्सर्जित किया गया तब यह अपेक्षित से आधे समय के लिये परावर्तित हुआ और बाकी आधे समय में यह दूसरी तरफ संचारित हुआ।
  • यदि एक ही समय में दोनों तरफ से फोटॉन उत्सर्जित होते, तो वे सभी एक ही तरफ समाप्त हो जाते।
  • डेटा ने पुष्टि की कि इस प्रकार दो-फोनाॅन का हस्तक्षेप हुआ, जो दर्शाता है कि फोनाॅन फोटॉन की तरह ही क्वांटम कार्य करते हैं।

क्वांटम कंप्यूटिंग:

  • परिचय:
    • क्वांटम कंप्यूटिंग एक तेज़ी से उभरती हुई तकनीक है जो पारंपरिक कंप्यूटरों की बहुत जटिल समस्याओं को हल करने हेतु क्वांटम यांत्रिकी के नियमों का उपयोग करती है।
      • क्वांटम यांत्रिकी भौतिकी की उप-शाखा है जो क्वांटम के व्यवहार का वर्णन करती है जैसे- परमाणु, इलेक्ट्रॉन, फोटॉन और आणविक एवं उप-आणविक क्षेत्र।
    • यह अवसरों से परिपूर्ण नई तकनीक है जो हमें विभिन्न संभावनाएँ प्रदान करके भविष्य की  हमारी दुनिया को आकार देगी।
    • यह वर्तमान की  पारंपरिक कंप्यूटिंग प्रणालियों की तुलना में सूचना को मौलिक रूप से संसाधित करने का एक अलग तरीका है।
  • विशेषताएँ:
    • वर्तमान में पारंपरिक कंप्यूटर बाइनरी 0 और 1 अवस्थाओं के रूप में जानकारी संग्रहीत करते हैं, जबकि क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम बिट्स का उपयोग कर गणना करने के लिये प्रकृति के मूलभूत नियमों पर आधारित होते हैं।
    • बिट जो कि 0 या 1 क्यूबिट अवस्थाओं के संयोजन में हो सकता है, के विपरीत क्वांटम बड़ी गणना की अनुमति देता है और उन्हें जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता प्रदान करता  है जिसमें  सबसे शक्तिशाली पारंपरिक सुपर कंप्यूटर भी सक्षम नहीं हैं।

  • महत्त्व:
    • क्वांटम कंप्यूटर सूचना में हेर-फेर करने के लिये क्वांटम यांत्रिकी परिघटना को शामिल कर सकते हैं और आणविक एवं रासायनिक अंतःक्रिया की प्रक्रियाओं, अनुकूलन समस्याओं का समाधान करने एवं कृत्रिम बौद्धिक क्षमता को बढ़ावा दे सकते हैं।
    • ये नई वैज्ञानिक खोजों, जीवन रक्षक दवाओं और आपूर्ति शृंखलाओं में सुधार, लॉजिस्टिक एवं वित्तीय डेटा के विश्लेषण के अवसर प्रदान कर सकते हैं। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से वह कौन-सा संदर्भ है जिसमें "क्यूबिट" शब्द का उल्लेख किया गया है? 

(a) क्लाउड सेवाएँ
(b) क्वांटम कंप्यूटिंग
(c) दृश्यमान प्रकाश संचार प्रौद्योगिकी
(d) वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी

उत्तर: (b)

स्रोत: द हिंदू