अंटार्कटिका में मैत्री II अनुसंधान केंद्र | 13 Oct 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

वित्त मंत्रालय ने पूर्वी अंटार्कटिका में मैत्री II भारत के नए अनुसंधान स्टेशन की स्थापना के लिये सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी है।

मैत्री II क्या है?

  • परिचय: मैत्री II अंटार्कटिका में भारत का आगामी और चौथा अनुसंधान केंद्र है, जिसे जनवरी 2029 तक पूरा किया जाना है।
    • यह अंटार्कटिक संधि प्रणाली (ATS, 1959) के तहत भारत की दीर्घकालिक वैज्ञानिक उपस्थिति को मज़बूत करता है।
  • उद्देश्य एवं आवश्यकता: इसका निर्माण पुराने मैत्री स्टेशन (1989) के स्थान पर किया जा रहा है, जिसकी मूल डिज़ाइन अवधि 10 वर्ष से अधिक हो चुकी है तथा इसमें त्रुटिपूर्ण अपशिष्ट प्रबंधन जैसी समस्याएँ हैं।
  • नोडल एजेंसी: इस परियोजना का नेतृत्व पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत गोवा स्थित राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र (NCPOR) द्वारा किया जा रहा है।
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • वृहत और हरित: मूल मैत्री से बड़ा, जिसे ‘हरित अनुसंधान केंद्र’ के रूप में योजनाबद्ध किया गया है।
    • नवीकरणीय ऊर्जा: इसके द्वारा गर्मियों में सौर ऊर्जा के साथ अंटार्कटिका की पवनों का उपयोग पवन ऊर्जा हेतु किया जाता है।
    • उन्नत तकनीक: मानवरहित होने पर भी डेटा रिकॉर्ड करने और मुख्य भूमि भारत तक पहुँचाने के लिये स्वचालित उपकरणों से सुसज्जित।
    • बेहतर बुनियादी ढाँचा: इसमें उन्नत रहने की स्थिति और बेहतर शौचालय की सुविधा है।
  • महत्त्व:
    • अंटार्कटिका में पृथ्वी का 75% स्वच्छ जल मौजूद है और इसकी हिम चादरों का अध्ययन समुद्र-स्तर में वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
    • अप्रयुक्त खनिज भंडारों, समुद्री जैव विविधता और पारिस्थितिक आधार रेखाओं को समझने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
    • वैश्विक जलवायु और ध्रुवीय शासन चर्चाओं में भारत की भूमिका को मज़बूत करता है।

अंटार्कटिका में भारत के अन्य अनुसंधान केंद्र

  • दक्षिण गंगोत्री (1983): वर्ष 1983 में भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के तहत स्थापित दक्षिण गंगोत्री, अंटार्कटिका में भारत का पहला वैज्ञानिक अनुसंधान आधार था, लेकिन यह हिम में निमग्न हो गया और वर्ष 1990 में इसे निष्क्रिय कर दिया गया।
    • वैज्ञानिक अनुसंधान करने और ध्रुवीय क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा के लिये NCPOR के नेतृत्व में भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम वर्ष 1981 में शुरू हुआ।
  • मैत्री (1989): मैत्री अंटार्कटिका में भारत का दूसरा स्थायी अनुसंधान स्टेशन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1989 में हुई थी।
    • यह शैलमय पर्वतीय शिरमाकर मरुद्यान/ओएसिस में स्थित है और भारत ने इसके समीप एक अलवणीय झील का निर्माण किया है, जिसे प्रियदर्शिनी झील कहा जाता है।
  • भारती (2012): मैत्री से लगभग 3,000 किलोमीटर पूर्व में स्थित, 'भारती' अनुसंधान केंद्र थाला फ्योर्ड और क्विल्टी खाड़ी के बीच स्थित है।
    • वर्ष 2012 में क्रियान्वित, इसका डिज़ाइन कॉम्पैक्ट है और यह भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के तहत वर्ष भर वैज्ञानिक अनुसंधान को समर्थन प्रदान करता है।

Antarctica

क्या आप जानते हैं?

  • अंटार्कटिका पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो अंटार्कटिक वृत्त के भीतर अवस्थित है और दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। इसका क्षेत्रफल लगभग 1.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर है, जिसका 98% भाग हिमाच्छादित है और इसमें पृथ्वी के 75% से अधिक अलवणीय जल के भंडार विद्यमान हैं।
  • अंटार्कटिका में मानव की कोई मूल आबादी नहीं है और मानव उपस्थिति केवल लगभग 69 अनुसंधान केंद्रों पर वैज्ञानिक शोधकर्त्ताओं तक ही सीमित है।
  • वर्ष 1959 में हस्ताक्षरित अंटार्कटिक संधि, महाद्वीप को विनियमित करने के लिये अभिकल्पित थी, यह सुनिश्चित करते हुए कि इसका उपयोग शांतिपूर्ण उद्देश्यों और वैज्ञानिक सहयोग के लिये किया जाए, साथ ही इसके अंतर्गत क्षेत्रीय दावों को खारिज कर दिया गया था।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. मैत्री II क्या है?
मैत्री II अंटार्कटिका में भारत का चौथा अनुसंधान केंद्र है, जिसे वित्त मंत्रालय ने पूर्व के मैत्री केंद्र को प्रतिस्थापित करने के लिये स्वीकृति दी है। इसे एक आधुनिक, हरित और तकनीकी रूप से उन्नत केंद्र के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसको जनवरी 2029 तक क्रियाशील होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

2. भारत के अन्य अंटार्कटिक अनुसंधान केंद्र कौन-से हैं?
दक्षिण गंगोत्री (1983)- भारत का पहला केंद्र, जिसका वर्ष 1990 में समापन कर दिया गया था। मैत्री (1989)- शिरमाकर ओएसिस में स्थित, मौसमी और समग्र वर्ष के अनुसंधान में सहायक और भारती (2012)- भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के तहत निरंतर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये मैत्री के पूर्व में स्थित एक कॉम्पैक्ट केंद्र।

3. अंटार्कटिका वैश्विक जलवायु और विज्ञान के लिये क्यों महत्त्वपूर्ण है?
यह 14 मिलियन वर्ग किमी में विस्तरित है, जहाँ 98% हिम है। यह पृथ्वी के 75% से अधिक अलवणीय जल को धारण करता है, वैश्विक समुद्री धाराओं को संचालित करता है और जलवायु को नियंत्रित करता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रश्न. कभी-कभी खबरों में दिखने वाला शब्द 'इंडार्क' (IndARC) का नाम है: (2015)

(a) भारतीय रक्षा में शामिल किया गया एक स्वदेशी रूप से विकसित रडार प्रणाली

(b) हिंद महासागर रिम के देशों को सेवाएँ प्रदान करने के लिये भारत का उपग्रह

(c) अंटार्कटिक क्षेत्र में भारत द्वारा स्थापित एक वैज्ञानिक प्रतिष्ठान

(d) आर्कटिक क्षेत्र का वैज्ञानिक रूप से अध्ययन करने के लिये पानी के नीचे भारत की वेधशाला

उत्तर: (d)