महापरिनिर्वाण दिवस | 08 Dec 2025

स्रोत:AIR

महापरिनिर्वाण दिवस, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की पुण्यतिथि (6 दिसंबर 1956) के अवसर पर पूरे भारत में मनाया गया।

  • डॉ. बी. आर. अंबेडकर: 14 अप्रैल, 1891 को महू (मध्य प्रदेश) में जन्मे, वे एक न्यायविद, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार थे।
  • महापरिनिर्वाण दिवस: महापरिनिब्बान सुत्त (Mahaparinibbana Sutta) में भगवान बुद्ध के 80 वर्ष की आयु में महापरिनिर्वाण को दर्ज किया गया है।
    • 6 दिसंबर को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि डॉ. बी. आर. अंबेडकर को सम्मानित किया जा सके, जिन्होंने सामाजिक समानता पर आधारित नवयाना बौद्ध धर्म की स्थापना की। उनका स्मारक चैत्या भूमि, दादर (मुंबई) में स्थित है।

योगदान

  • संविधान: संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने मौलिक अधिकारों, अछूत प्रथा के उन्मूलन, संघवाद, अल्पसंख्यक संरक्षण और स्वतंत्र न्यायपालिका को सुनिश्चित किया।
  • जातिवाद विरोधी आंदोलन के नेता: उन्होंने महाड सत्याग्रह (1927) और कालराम मंदिर सत्याग्रह (1930) जैसे ऐतिहासिक अछूत विरोधी आंदोलनों का नेतृत्व किया, गोलमेज सम्मेलनों में दबे-कुचले वर्गों का प्रतिनिधित्व किया, और पूना पैक्ट (1932) पर समझौता किया, जिसने आरक्षण और सकारात्मक कार्रवाई की नींव रखी।
  • स्थापित संगठन: बहिष्कृत हितकारीणी सभा, स्वतंत्र लेबर पार्टी, अनुसूचित जाति महासंघ।
  • श्रम सुधार: वर्ष 1942–46 के दौरान वाइसरॉय की कार्यकारी परिषद में श्रम सदस्य के रूप में, उन्होंने 8 घंटे के कार्यदिवस, मातृत्व लाभ, श्रम कल्याण कोष और रोज़गार कार्यालयों की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • आर्थिक योगदान: उनके विचारों ने भारतीय रिज़र्व बैंक (1934) और वित्त आयोग की रूपरेखा को आकार दिया।

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