लेडीज़-स्लिपर ऑर्किड | 05 Jun 2025
स्रोत: इंडिपेंडेंट
लेडीज़ स्लिपर ऑर्किड को एक बार ब्रिटेन में लगभग एक सदी तक विलुप्त माना गया था, क्योंकि अत्यधिक संग्रह के कारण यह विलुप्त हो गया था, लेकिन वर्ष 1930 में एक ही पौधा मिलने पर इसे पुनः खोजा गया। अब इसे इंग्लैंड में फिर से प्राकृतिक रूप से उगते हुए देखा गया है।
लेडीज़ स्लिपर ऑर्किड
- वर्गीकरण (Taxonomy): यह ऑर्किड परिवार (Orchidaceae) की उप-परिवार साइप्रिपेडिओइडी (Cypripedioideae) से संबंधित है और अपने विशिष्ट ‘स्लीपर’ (Slipper) के आकार वाले लैबेलम (labellum) के लिये जाना जाता है, जो कीटों को फँसाकर परागण में सहायता करता है।
- प्रजातियाँ एवं वितरण:
- 5 वैश्विक प्रजातियों (साइप्रिपेडियम, मेक्सीपीडियम, पैफियोपेडिलम, फ्राग्मिपीडियम, सेलेनिपीडियम) में से, साइप्रिपेडियम और पैफियोपेडिलम भारत में मुख्य रूप से हिमालयी राज्यों (जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) तथा पूर्वोत्तर पहाड़ियों में पाए जाते हैं।
- इनकी प्रजातियाँ यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के बोरियल, समशीतोष्ण और उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
- आवास और पारिस्थितिकी: ये वनस्पति यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के नम, छायादार, बोरियल (उत्तरी), शीत समशीतोष्ण वनों तथा अल्पाइन क्षेत्रों में पाई जाती है। इसे जैविक पदार्थ (ह्यूमस) से समृद्ध, अच्छी जल निकासी वाली मृदा की आवश्यकता होती है।
- अलास्का में सी.गुटेटम और सी.पैसेरिनम जैसी कुछ प्रजातियाँ हिम के नीचे अंकुरित होती हैं।
- खतरे और संरक्षण: इनकी संख्या अत्यधिक संग्रह, औषधीय उपयोग, आवास क्षति और असफल प्रतिरोपण के कारण घट गई है। इनकी विशेष मृदा तथा फफूँद संबंधी आवश्यकताओं के कारण इनकी कृषि करना कठिन होता है।
- भारत में संरक्षण का नेतृत्व भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI) और अन्य संस्थानों द्वारा इन-सीटू तथा एक्स-सीटू संरक्षण, ऊतक संवर्द्धन प्रसार एवं आवास पुनर्स्थापन के माध्यम से किया जाता है।
- संरक्षण की स्थिति
- CITES: परिशिष्ट I और II
- IUCN रेड लिस्ट: गंभीर रूप से संकटग्रस्त/लुप्तप्राय
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची III
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