ISRO द्वारा पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन सेल का परीक्षण | 11 Jan 2024

स्रोत: द हिंदू 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) ने ऑर्बिटल/कक्षीय प्लेटफॉर्म, POEM3 में 100 W श्रेणी के पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन  सेल (PEMFC) पर आधारित उर्जा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

PEMFC परीक्षण के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?

  • प्रौद्योगिकी का परीक्षण: ISRO ने 100-वॉट की श्रेणी के PEMFC का परीक्षण किया जो हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन को बिजली, जल तथा ऊष्मा में परिवर्तित करता है। यह तकनीक अंतरिक्ष में पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की तुलना में कई लाभ प्रदान करती है, जिनमें निम्नलिखित चीज़ें शामिल हैं:
    • उच्च दक्षता: PEMFC ईंधन को प्रत्यक्ष रूप से विद्युत में परिवर्तित करता है जिसके परिणामस्वरूप यह बैटरी की तुलना में अधिक कार्यकुशल होती है।
    • शुद्ध संचालन: PEMFC उपोत्पाद के रूप में मात्र जल का उत्पादन करते हैं, जिससे जटिल अपविष्ट प्रबंधन प्रणालियों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
      • PEMFC द्वारा उत्पादित जल का उपयोग जहाज़ पर खपत के लिये अथवा अतिरिक्त ऑक्सीजन उत्पन्न करने के लिये इलेक्ट्रोलिसिस के लिये किया जा सकता है।
  • परीक्षण प्लेटफॉर्म: PEMFC का परीक्षण कक्षीय प्लेटफॉर्म, POEM3 में किया गया, जिसे 1 जनवरी, 2024 को PSLV-C58 द्वारा लॉन्च किया गया।
    • POEM3 वास्तविक दुनिया की परिस्थितियों में अंतरिक्ष में नई प्रौद्योगिकियों के परीक्षण के लिये एक मंच के रूप में कार्य करता है।
  • भविष्य के मिशनों के लिये निहितार्थ: PEMFC का सफल परीक्षण भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिये कई उल्लेखनीय संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त करता है:
    •   भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को शक्ति प्रदान करना: PEMFC की उच्च दक्षता और जल उत्पादन क्षमताएँ उन्हें प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को शक्ति प्रदान करने के लिये आदर्श बनाती हैं।
    • गहन अंतरिक्ष अन्वेषण: PEMFC मंगल ग्रह जैसे डीप स्पेस/गहन अंतरिक्ष स्थलों पर दीर्घ अवधि के मिशनों के लिये विद्युत् ऊर्जा का एक विश्वसनीय और धारणीय स्रोत प्रदान कर सकता है।

नोट: ISRO के अनुसार वर्तमान में प्रयुक्त सेल के लिये कम वज़न और सस्ती लागत विकल्प के रूप में 10 AH सिलिकॉन-ग्रेफाइट एनोड आधारित उच्च ऊर्जा घनत्व Li-आयन सेल को मान्य किया है।

ईंधन सेल क्या है? 

  • परिचय:  ईंधन सेल एक विद्युत रासायनिक उपकरण है जो ईंधन (जैसे– हाइड्रोजन) और ऑक्सीडेंट (जैसे– ऑक्सीजन) की रासायनिक ऊर्जा को सीधे विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
    • संग्रहीत रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली बैटरियों के ठीक विपरीत, ईंधन सेल तब तक लगातार विद्युत् ऊर्जा का उत्पादन करती हैं जब तक उन्हें ईंधन और ऑक्सीडेंट की आपूर्ति की जाती है।
  • ईंधन सेल के प्रमुख प्रकार:
    • पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन सेल: इनमें इलेक्ट्रोलाइट के रूप में एक पतली, ठोस बहुलक झिल्ली का उपयोग किया जाता है और ये पोर्टेबल अनुप्रयोगों के लिये उपयुक्त हैं।
    • ठोस ऑक्साइड ईंधन सेल (Solid Oxide Fuel Cells- SOFC): SOFC में एक सिरेमिक इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग किया जाता है जो उच्च तापमान पर कार्य कर सकता है। ये अत्यधिक कुशल हैं लेकिन PEMFC की तुलना में अधिक महंगे और जटिल हैं।
    • क्षारीय ईंधन कोशिकाएँ (Alkaline Fuel Cells - AFCs): AFC पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड (potassium hydroxide) से बने तरल इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग करते हैं। वे PEMFC और SOFC की तुलना में कम कुशल, कम महंगे हैं तथा ईंधन में अशुद्धियों के प्रति अधिक सहनशील हो सकते हैं।

  • ईंधन सेल (Fuel cells) के अनुप्रयोग: 
    • संवहन: ईंधन  सेल का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनोंनावों और यहाँ तक कि हवाई जहाज़ों को बिजली देने के लिये किया जा सकता है।
      • ईंधन सेल अंतरिक्ष मिशनों को भी शक्ति प्रदान कर सकते हैं, अंतरिक्ष यान के लिये विद्युत शक्ति प्रदान कर सकते हैं और लंबी अवधि के मिशनों के लिये एक भरोसेमंद ऊर्जा स्रोत प्रदान कर सकते हैं।
      • शून्य उत्सर्जन के साथ अत्यधिक कुशल, जो उन्हें अंतरिक्ष अभियानों के लिये आदर्श बनाता है।
    • पोर्टेबल पावर: ईंधन सेल का उपयोग लैपटॉप कंप्यूटर, सेल फोन और अन्य पोर्टेबल उपकरणों को बिजली देने के लिये किया जा सकता है।
    • स्थिर विद्युत: ईंधन सेल का उपयोग घरों, व्यवसायों और यहाँ तक कि पूरे शहरों को बिजली देने के लिये किया जा सकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न1: हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन "निकास" के रूप में निम्नलिखित में से एक का उत्पादन करते हैं: (2010)

(a) NH3
(b) CH4
(c) H2O
(d) H2O2 

उत्तर: c