अंतर्राष्ट्रीय रेड पांडा दिवस | 22 Sep 2025
अंतर्राष्ट्रीय रेड पांडा दिवस प्रत्येक वर्ष सितंबर माह के तीसरे शनिवार को लुप्तप्राय रेड पांडा के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा वैश्विक संरक्षण प्रयासों को गति देने के लिये मनाया जाता है।
- परिचय: रेड पांडा (जिसे फायरफॉक्स, लेसर पांडा या रेडकैट-बीयर भी कहा जाता है) हिमालय के पार नेपाल, सिक्किम, भूटान, उत्तरी बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तरी म्याँमार से लेकर चीन के सिचुआन और युन्नान प्रांतों तक पाया जाता है।
- ब्रह्मपुत्र का नदी का "ग्रेट बेंड" उनकी आबादी को हिमालयी रेड पांडा और चीनी रेड पांडा में विभाजित करता है।
- रेड पांडा 2,200-4,800 मीटर की ऊँचाई पर बाँस के नीचे मिश्रित पर्णपाती और शंकुधारी वनों को पसंद करता है।
- सांस्कृतिक महत्त्व: रेड पांडा को 1990 के दशक में सिक्किम का राज्य पशु घोषित किया गया था, और और यह दार्जिलिंग टी फेस्टिवल का शुभंकर (मास्कॉट) भी है।
- पारिस्थितिक भूमिका: यह मुख्यतः बाँस पर निर्भर है, लेकिन पौधों और छोटे जानवरों से अपना भोजन ग्रहण करता है। सर्दियों में यह निष्क्रिय अवस्था (शीत निद्रा) में रहता है।
- संरक्षण स्थिति: रेड पांडा को IUCN रेड लिस्ट में लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, CITES के परिशिष्ट I में शामिल किया गया है, और भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत संरक्षित है।
- प्रमुख खतरे: आवास की हानि, अवैध शिकार, अवैध पालतू व्यापार, रैखिक अवसंरचना, खाद्य प्रतिस्पर्द्धा (पशुधन और जंगली प्रजातियों के साथ), और अंतःप्रजनन।
- अवैध तस्करी: सिंगालीला और नेओरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान (उत्तर बंगाल) में मामले दर्ज किये गए।
- संरक्षण प्रयास: पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क (दार्जिलिंग) ने 1990 के दशक में एक कैप्टिव ब्रीडिंग प्रोग्राम शुरू किया।
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