स्वदेशी मीडियम ऑल्टिट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) ड्रोन | 11 Jul 2025
स्रोत: TH
भारत 87 स्वदेशी रूप से विकसित मीडियम ऑल्टिट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) ड्रोन की खरीद प्रक्रिया को तेज़ कर रहा है, जिनमें कम से कम 60% स्वदेशी सामग्री होगी। इसका उद्देश्य विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता को कम करना और समुद्री एवं स्थलीय सीमाओं पर निगरानी क्षमताओं को मज़बूत करना है।
- यह पहला अवसर है जब ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारतीय निजी निर्माताओं को MALE ड्रोन की आपूर्ति का कार्य सौंपा गया है, जो पहले इज़रायल से आयात किये जाते थे।
- ये ड्रोन 35,000 फीट तक की ऊँचाई पर 30 घंटे से अधिक की उड़ान क्षमता प्रदान करेंगे तथा विभिन्न भू-भागों में ISR (खुफिया, निगरानी और टोही) सहायता प्रदान करेंगे।
भारत के स्वदेशी ड्रोन:
ड्रोन का नाम |
प्रमुख विशेषताएँ |
लक्ष्य |
लक्ष्य ड्रोन जिसका उपयोग "टोही" और लक्ष्य की पहचान के लिये किया जाता है |
निशांत |
मल्टी-मिशन UAV (मानवरहित हवाई वाहन), दिन/रात दोनों में संचालित करने में सक्षम, इसका उपयोग निगरानी, लक्ष्य की ट्रैकिंग और तोपखाने की फायर सुधार के लिये किया जाता है। |
रुस्तम -1 |
शॉर्ट रेंज रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (SR-RPAS, 800 किलोग्राम श्रेणी), यह प्रणाली खुफिया एकत्रीकरण (ISR), लक्ष्य पहचान, और छवि विश्लेषण जैसे कार्यों को अंजाम देती है। |
TAPAS/रुस्तम-2 |
MALE UAV को खुफिया एकत्रीकरण, निगरानी, लक्ष्य पहचान और टोही (ISTAR) भूमिकाओं के लिये विकसित किया गया है। |
आर्चर |
हथियारयुक्त शॉर्ट-रेंज UAV; इसका उपयोग टोही, निगरानी (surveillance) और कम तीव्रता वाले संघर्षों (low-intensity conflict) में किया जाता है। |
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