भारत का पहला स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल यात्री पोत | 12 Dec 2025
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री ने वाराणसी में भारत के पहले स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल यात्री पोत का प्रणोदन किया, यह स्वच्छ और संधारणीय अंतर्देशीय जल परिवहन की दिशा में राष्ट्र के प्रयासों में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- तकनीकी एवं डिज़ाइन संबंधी विशेषताएँ: इसका पूर्ण विकास और निर्माण भारत में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) द्वारा अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के सहयोग से किया गया है।
- यह एक निम्न तापमान प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन ईंधन सेल प्रणाली पर संचालित होता है।
- यह संग्रहित हाइड्रोजन से बिजली का उत्पादन करता है, जिसमें केवल जल वाष्प उप-उत्पाद के रूप में उत्पन्न होती है - जिसका अर्थ है लगभग शून्य उत्सर्जन (केवल जल वाष्प) ।
- हाइड्रोजन ईंधन सेल, बैटरी और सौर ऊर्जा को संयोजित करने वाली एकीकृत हाइब्रिड प्रणाली ।
- रणनीतिक रूपरेखा: यह शुभारंभ भारत की दीर्घकालिक रणनीतिक योजनाओं के अनुरूप है, जिसमें मैरीटाइम इंडिया विज़न- 2030 (एमआईवी 2030) और समुद्री अमृत काल विजन 2047 (एमएकेवी 2047) शामिल हैं।
- यह सतत परिवहन, स्मार्ट बुनियादी ढाँचे और अंतर्देशीय जलमार्गों में वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर केंद्रित है।
- महत्त्व:
- इस विशिष्ट पोत के शुभारंभ ने वाराणसी को भारत की हरित जलमार्ग पहल में अग्रणी स्थान पर पहुँचा दिया है।
- यह पोत नेट-ज़ीरो उत्सर्जन वाले अंतर्देशीय जलमार्गों की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारत के विकार्बनीकरण लक्ष्यों और स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन का समर्थन करता है।
- यह हरित परिवहन प्रणाली भारत की आध्यात्मिक राजधानी की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिये यात्रा अनुभव को बेहतर बनाएगी और स्वच्छ व अधिक कुशल परिवहन में योगदान देगी।