भारत की बैटरी स्टोरेज़ क्षमता | 25 Aug 2022

हाल ही में नीति आयोग ने "एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी रीयूज एंड रिसाइकलिंग मार्केट इन इंडिया" शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि भारत की बैटरी की मांग वर्ष 2030 तक काफी बढ़ जाएगी।

रिपोर्ट के निष्कर्ष:

  • मांग अनुमान:
    • भारत में बैटरी भंडारण की कुल संचयी क्षमता वर्ष 2030 तक 600 गीगावाट ऑवर्स होने की संभावना है।
      • वर्ष 2010-2020 के बीच बैटरी की वैश्विक मांग 25% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ी थी और लगभग 730 गीगावाट ऑवर्स की वार्षिक मांग तक पहुँच गई।
    • वर्ष 2030 तक, बैटरी की मांग चार गुना बढ़कर 3,100 गीगावाट ऑवर्स की वार्षिक दर तक पहुँचने की उम्मीद है।
  • बैटरियों का वर्तमान परिनियोजन:
    • भारत में लिथियम-आयन बैटरी (LIBs) के वर्तमान परिनियोजन में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स का वर्चस्व है, जिसमें स्मार्टफोन, लैपटॉप, नोटबुक, टैबलेट आदि शामिल हैं और विभिन्न प्लेटफार्मों के डिजिटलाइज़ेशन तथा दिन-प्रतिदिन हो रहे प्रौद्योगिकी के प्रयोग एवं 5 गीगावॉट के संचयी बाज़ार क्षमता की अपेक्षा है।
  • वाहक:
    • भारत में ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) को अपनाने और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स केसंदर्भ में बैटरी स्टोरेज की मांग बढ़ेगी।
      • ईवी की बिक्री लिथियम-आयन बैटरी (0.92 गीगावॉट) के लगभग 10% के लिये ज़िम्मेदार है।
    • परिवहन में विद्युतीकरण और बिजली ग्रिड में बैटरी ऊर्जा भंडारण का, बैटरी की मांग में वृद्धि प्रमुख चालक हो सकता है।
  • सुझाव:
    • सभी हितधारकों को रीसाइक्लिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करने वाला एक सुसंगत नियामक ढाँचा देश में बैटरी रीसाइक्लिंग पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में मदद कर सकता है।

लिथियम-आयन बैटरी:

  • परिचय:
    • लिथियम-आयन बैटरी में इलेक्ट्रोड पदार्थ के रूप में अंतर्वेशित लिथियम यौगिक का उपयोग किया जाता है, जबकि एक नॉन-रिचार्जेबल लिथियम बैटरी में धातु सदृश लिथियम का उपयोग किया जाता है।
    • वैद्युत अपघट्य के कारण आयनों का संचार होता है, जबकि इलेक्ट्रोड लिथियम-आयन बैटरी सेल के संघटक होते हैं।
    • बैटरी के डिस्चार्ज होने के दौरान लिथियम आयन नेगेटिव इलेक्ट्रोड से पॉज़िटिव इलेक्ट्रोड की ओर जबकि चार्ज होते समय विपरीत दिशा में गति करते हैं।
  • लिथियम-आयन बैटरी का अनुप्रयोग:
    • इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, टेली-कम्युनिकेशन, एयरोस्पेस, औद्योगिक अनुप्रयोग।
    • लिथियम-आयन बैटरी प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये पसंदीदा ऊर्जा स्रोत बन गई है।

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया