इंडिया मैरीटाइम वीक (IMW) 2025 | 28 Oct 2025
इंडिया मैरीटाइम वीक (IMW) 2025, जिसकी थीम “महासागरों का एकीकरण, एक समुद्री दृष्टिकोण (Uniting Oceans, One Maritime Vision)” है, का उद्घाटन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम 2047 तक भारत को एक वैश्विक समुद्री अग्रणी राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्रदर्शित करता है।
- IMW 2025 एक प्रमुख पाँच दिवसीय आयोजन है, जो 85 देशों के समुद्री विशेषज्ञों, नवप्रवर्तकों और नेताओं को एकजुट करता है।
भारत की समुद्री शक्ति
- 11,000 किमी. लंबी तटरेखा, 13 तटीय राज्य और 23.7 लाख वर्ग किमी. का विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) भारत को एक प्राकृतिक समुद्री शक्ति बनाते हैं।
- भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 60% तटीय राज्यों से आता है, जो समुद्र से जुड़ी 800 मिलियन आजीविकाओं का समर्थन करता है।
- भारत का समुद्री क्षेत्र देश के कुल व्यापार का 95% मात्रा के आधार पर और 70% मूल्य के आधार पर सॅंभालता है।
- मैरीटाइम इंडिया विज़न (MIV) 2030 और मैरीटाइम अमृत काल विज़न 2047, सागरमाला कार्यक्रम तथा MAHASAGAR (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) के विज़न से प्रेरित हैं। इनका उद्देश्य भारत को एक वैश्विक समुद्री एवं व्यापारिक हब बनाना है, साथ ही आर्थिक वृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखना है।
मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030
- इसमें बंदरगाहों, शिपिंग और जलमार्गों के आधुनिकीकरण हेतु ₹3 से ₹3.5 लाख करोड़ के निवेश के साथ 150 से अधिक रणनीतिक पहलें शामिल हैं।
- MIV 2030 के तहत भारत की बंदरगाह क्षमता वर्ष 2013-14 के 1,400 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 2,762 MMTPA हो गई है, प्रमुख बंदरगाहों पर 92% और गैर-प्रमुख बंदरगाहों पर 80% की वृद्धि के साथ।
- भारतीय नाविकों की संख्या में 200% की वृद्धि हुई है, जो अब 3.2 लाख तक पहुँच गई है।
मैरीटाइम अमृत काल विज़न 2047
- भारत का लक्ष्य 2047 तक वैश्विक समुद्री व्यापार का एक-तिहाई हिस्सा सँभालना है, जो वर्तमान में 10% है।
- इस विज़न के तहत ₹80 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है ताकि हरित कॉरिडोर, हाइड्रोजन बंकरिंग और मेथनॉल-संचालित जहाज़ों के विकास के माध्यम से सततता (sustainability) को बढ़ावा दिया जा सके।
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