भारत की कुल स्थापित विद्युत् क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन का 50% योगदान | 16 Jul 2025
स्रोत: पी.आई.बी
भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त विद्युत् क्षमता अब 242.78 गीगावाट (GW) तक पहुँच गई है, जो कि कुल स्थापित क्षमता 484.82 GW का हिस्सा है। यह पेरिस समझौते में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य से पाँच वर्ष पहले अपनी ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन की यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
गैर-जीवाश्म ईंधन:
- गैर-जीवाश्म ईंधन से तात्पर्य उन ऊर्जा स्रोतों से है, जो जीवाश्म कार्बनिक पदार्थों जैसे कोयला, तेल या प्राकृतिक गैस से प्राप्त नहीं होते हैं।
- इसमें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (सौर, पवन और जल विद्युत) और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (परमाणु) दोनों शामिल हैं।
- जून 2025 तक, भारत की कुल स्थापित विद्युत् क्षमता 484.82 गीगावाट है, जिसमें से 50% गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से आती है, जिसमें शामिल हैं:
- नवीकरणीय ऊर्जा: 184.62 गीगावाट ( 38.08% )
- बड़ी जलविद्युत: 49.38 गीगावाट ( 10.19% )
- परमाणु ऊर्जा: 8.78 गीगावाट ( 1.81% )
भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के विकास को बढ़ावा देने वाली प्रमुख पहलें:
- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना — यह योजना रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को बढ़ावा देती है, जिससे विकेंद्रीकृत स्वच्छ ऊर्जा तक पहुँच सुनिश्चित होती है।
- राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति — यह नीति हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट्स को सक्षम बनाती है, जिससे भूमि का बेहतर उपयोग, ग्रिड की स्थिरता और कम लागत में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन संभव होता है।
- पीएम-कुसुम योजना — यह योजना कृषि के लिए सौर ऊर्जा चालित पंपों की सुविधा प्रदान करती है।
- सोलर मॉड्यूल हेतु PLI योजना — यह योजना उच्च दक्षता वाले सौर मॉड्यूल के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देती है।
- ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर योजना— यह योजना नवीकरणीय ऊर्जा के लिए ट्रांसमिशन अवसंरचना को मज़बूत करती है।
- राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन— यह मिशन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन और उपयोग को वैकल्पिक ईंधन के रूप में बढ़ावा देता है।
- राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम— यह कार्यक्रम बायोगैस, बायोमास और कचरे से ऊर्जा उत्पादन (waste-to-energy) जैसे प्रोजेक्ट्स का समर्थन करता है।
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