ICFT–यूनेस्को गांधी पदक | 11 Nov 2025
56वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी), 2025 में ICFT–यूनेस्को गांधी मेडल महात्मा गांधी के शांति, अहिंसा और अंतर-सांस्कृतिक संवाद के मूल्यों को अभिव्यक्त करने वाले सिनेमाई कार्यों को सम्मानित करता रहा है।
ICFT-यूनेस्को गांधी पदक
- परिचय: यह मेडल इफ्फी के 46वें संस्करण (2015) में यूनेस्को के अधीन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म, टेलीविज़न एवं ऑडियो-विज़ुअल संचार परिषद (ICFT)-पेरिस के सहयोग से स्थापित किया गया था।
- यह पदक उन फिल्मों को सम्मानित करने के लिये बनाया गया है जो उच्च कलात्मक और सिनेमाई मानकों के साथ-साथ समाज के महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर नैतिक मनन को प्रोत्साहित करती हैं।
- इस पुरस्कार का उद्देश्य सिनेमा की रूपांतरकारी शक्ति के माध्यम से मानवता के साझा मूल्यों की गहरी समझ को बढ़ावा देना है।
- पदक का महत्त्व:
- सांस्कृतिक कूटनीति का साधन: यह भारत की सॉफ्ट पावर रणनीति के अनुरूप है, क्योंकि यह सिनेमा के माध्यम से अहिंसा, सहिष्णुता तथा शांति को प्रोत्साहित करता है।
- वैश्विक मान्यता: यह मेडल उस फिल्म को प्रदान किया जाता है जो गांधीवादी आदर्शों का सर्वोत्तम प्रतिबिंब प्रस्तुत करती है।
- चयन यूनेस्को-संबद्ध संस्थानों के सिनेमा तथा संचार विशेषज्ञों की अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा किया जाता है।
- यूनेस्को साझेदारी: यह पुरस्कार भारत की वैश्विक सांस्कृतिक सहभागिता में भूमिका को सुदृढ़ करता है तथा नैतिक कथानक को प्रोत्साहित करने हेतु संयुक्त राष्ट्र निकायों के साथ कार्य करता है।
- ICFT: यह संस्था वर्ष 1956 में नई दिल्ली में आयोजित यूनेस्को महासम्मेलन में स्थापित की गई थी, जिसका उद्देश्य फिल्म, टेलीविज़न तथा डिजिटल मीडिया के माध्यम से अंतर्सांस्कृतिक संवाद तथा शांति को प्रोत्साहित करना है।
- भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी):
- IFFI एशिया का सबसे पुराना तथा महत्त्वपूर्ण फिल्म महोत्सव है, जिसकी स्थापना वर्ष 1952 में हुई थी।
- वर्ष 2004 से यह महोत्सव गोवा में स्थायी रूप से आयोजित किया जा रहा है। इसे संयुक्त रूप से नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NFDC), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, तथा एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ESG), गोवा सरकार, द्वारा आयोजित किया जाता है।
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