अगली पीढ़ी के ऊर्जा भंडारण हेतु उच्च दक्षता वाली सामग्री | 07 Jul 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र (Centre for Nano and Soft Matter Sciences- CeNS), बंगलूरू और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) ने लैंटानम-डोप्ड सिल्वर नियोबेट-आधारित ऊर्जा भंडारण सामग्री विकसित की है, जिसने सुपरकैपेसिटर के प्रदर्शन को बढ़ाया है।
लैंटानम-डोप्ड सिल्वर नियोबेट ऊर्जा भंडारण सामग्री:
- परिचय: यह एक उन्नत नैनोसंरचित यौगिक है, जो सिल्वर नियोबेट (AgNbO₃)- जोकि एक सीसा रहित और पर्यावरण-अनुकूल पेरोवस्काइट पदार्थ है- को लैंटानम (एक दुर्लभ-पृथ्वी तत्त्व) के साथ मिश्रित करके बनाया गया है।
- महत्त्व:
- इस डोपिंग से नैनोकणों का आकार कम हो गया है, ऊर्जा भंडारण के लिये सतह क्षेत्र में वृद्धि हुई है तथा तीव्र चार्ज-डिस्चार्ज चक्रों के लिये विद्युत चालकता में सुधार हुआ है।
- इसने उपयोग के दौरान किसी भी प्रकार की ऊर्जा हानि (100% कूलम्बिक दक्षता) न करते हुए उत्कृष्ट ऊर्जा प्रतिधारण (118%) भी सुनिश्चित किया।
- यह पर्यावरण हेतु भी अनुकूल है, सीसा रहित है और हरित ऊर्जा अनुप्रयोगों के लिये उपयुक्त है।
- अनुप्रयोग: पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों में उपयोग किया जाता है, एक प्रोटोटाइप सुपरकैपेसिटर के माध्यम से LCD डिस्प्ले को सफलतापूर्वक संचालित किया गया।
सुपरकैपेसिटर:
- सुपरकैपेसिटर, एक विद्युत रासायनिक उर्जा भंडारण उपकरण है। इन्हें अल्ट्राकैपेसिटर के रूप में भी जाना जाता है। यह पारंपरिक कैपेसिटर और बैटरी के बीच के अंतर को कम करते हैं।
- वे उच्च शक्ति घनत्व, तीव्र चार्ज-डिस्चार्ज और लंबा जीवन चक्र (लाखों चक्र) प्रदान करते हैं।
- बैटरी के विपरीत वे रासायनिक प्रतिक्रियाओं के बजाय इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज पृथक्करण के माध्यम से ऊर्जा संग्रहीत करते हैं जिससे वे अधिक सुरक्षित और टिकाऊ होते हैं।
- इनमें बैटरी की तुलना में ऊर्जा घनत्व कम होता है, लेकिन इसे लैंटानम-डोप्ड सिल्वर नियोबेट जैसे पदार्थ डोपिंग के माध्यम से सुधारा जा सकता है।
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