GPS स्पूफिंग | 18 Oct 2025

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

वियना से दिल्ली जा रही एयर इंडिया की एक उड़ान को मध्य पूर्व के ऊपर संदिग्ध GPS सिग्नल स्पूफिंग के कारण नेविगेशन में बाधा आने के बाद डायवर्ट कर दिया गयासिग्नल स्पूफिंग के कारण विमान की उड़ान नियंत्रण प्रणालियों में गंभीर गड़बड़ी आ गई, जिससे ऑटोपायलट, ऑटोथ्रस्ट, फ्लाइट डायरेक्टर और ऑटोलैंड जैसी सुविधाएँ फेल हो गईं।

  • GPS स्पूफिंग: यह एक साइबर अटैक है जिसमें नकली या जाली GPS सिग्नल रिसीवरों को भेजे जाते हैं, जिससे वे गलत स्थिति, नेविगेशन या समय की जानकारी की गणना करते हैं।
    • कार्य प्रणाली: हमलावर मज़बूत नकली GPS सिग्नल प्रसारित करने के लिये ज़मीन आधारित ट्रांसमीटरों का उपयोग करते हैं, जो वास्तविक उपग्रह सिग्नलों को ओवरराइड कर देते हैं।
      • GPS रिसीवर इन नकली संकेतों को लॉक कर देता है, जिससे गलत स्थान या समय की जानकारी मिलती है।
    • विमानन पर प्रभाव: स्पूफिंग के कारण विमान नेविगेशन प्रणाली, जिसमें ऑटोपायलट, फ्लाइट डायरेक्टर और ऑटोलैंड शामिल हैं, में खराबी आ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप विमान का गलत दिशा में चले जाना, कॉकपिट नियंत्रण भ्रम, झूठी चेतावनियाँ तथा प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में प्रवेश या टकराव का खतरा हो सकता है।
    • जैमिंग से अंतर: जैमिंग के विपरीत, जो सिग्नल को अवरुद्ध या बाधित करता है, स्पूफिंग गलत डेटा प्रदान करता है, जिससे पता लगाना और प्रतिक्रिया करना अधिक कठिन हो जाता है।
    • शमन उपाय: इनर्शियल रेफरेंस सिस्टम (IRS) जैसी मज़बूत बैकअप नेविगेशन प्रणालियाँ स्पूफिंग के दौरान वैकल्पिक स्थान डेटा प्रदान करती हैं।
      • लचीलापन बढ़ाने के लिये एंटी-स्पूफिंग प्रौद्योगिकियाँ, मल्टी-कॉन्स्टेलेशन GNSS, उन्नत सिग्नल प्रोसेसिंग और पायलट प्रशिक्षण आवश्यक हैं।

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