गोदावरी नदी | 21 Jul 2025
स्रोत: द हिंदू
आंध्र प्रदेश के एलुरु ज़िले में गोदावरी नदी में आई बाढ़ के कारण कई लोग विस्थापित हो गए हैं, जिससे बड़े पैमाने पर निकासी अभियान चलाया गया है और राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है।
गोदावरी नदी
- परिचय: दक्षिण गंगा के नाम से प्रसिद्ध, गोदावरी भारत की दूसरी सबसे लंबी (1465 किमी) नदी है (गंगा के बाद) और प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी प्रणाली है।
- उद्भव और अपवाह क्षेत्र: गोदावरी नदी महाराष्ट्र के नासिक के पास त्र्यंबकेश्वर से निकलती है और पूर्व की ओर प्रवाहित होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- इसका अपवाह क्षेत्र महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में फैला हुआ है, जबकि मध्य प्रदेश, कर्नाटक व केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के कुछ हिस्से भी इसमें शामिल हैं।
- गोदावरी का अपवाह क्षेत्र आकार में लगभग त्रिकोणीय है, जिसमें गोदावरी नदी त्रिभुज के आधार के पास प्रवाहित होती है।
- यह क्षेत्र उत्तर में सतमाला की पहाड़ियाँ, अजंता शृंखला और महादेव पहाड़ियाँ, दक्षिण एवं पूर्व में पूर्वी घाट तथा पश्चिम में पश्चिमी घाट से घिरा हुआ है।
- प्रमुख सहायक नदियाँ: पूर्णा, प्राणहिता, इंद्रावती व सबरी, वेनगंगा, वर्धा, पेंगंगा (बायाँ किनारा) और प्रवरा, मंजरा एवं मनेर (दायाँ किनारा)।
- सांस्कृतिक महत्त्व: यह नदी नासिक में कुंभ मेले की मेज़बानी करती है, जो भारत के चार प्रमुख पवित्र स्थलों में से एक है जहाँ कुंभ मेला आयोजित होता है। अन्य कुंभ मेला स्थलों में उज्जैन में शिप्रा, हरिद्वार में गंगा और प्रयाग में गंगा-यमुना-सरस्वती संगम शामिल हैं।
- मुख्य परियोजनाएँ: पोलावरम सिंचाई परियोजना, कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना, श्रीराम सागर परियोजना (SRSP), सदरमट एनीकट और इंचमपल्ली परियोजना।
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