चावल की गुणवत्ता के आनुवंशिक निर्धारक | 26 Aug 2025
चीन के वैज्ञानिकों ने Chalk9 नामक जीन की खोज की है, जो धान में चॉकनेस (chalkiness) के लिये ज़िम्मेदार है। यह एक ऐसी विशेषता है जो दानों को भंगुर (टूटने योग्य) और मिलिंग के दौरान अपारदर्शी बना देती है, जिससे उपज और वाणिज्यिक मूल्य दोनों कम हो जाते हैं।
चावल की गुणवत्ता और अनुकूलता के अन्य प्रमुख आनुवंशिक निर्धारक:
जीन/मात्रात्मक लक्षण लोकोस (Quantitative Trait Locus) |
कार्य (Function) |
लक्षण का महत्त्व |
Pi54, Pi9 |
ब्लास्ट रोग प्रतिरोधक क्षमता |
व्यापक और सतत् रोग सहनशीलता के लिये प्रजनन (ब्रीडिंग) में उपयोग |
BADH2 |
सुगंध नियंत्रण |
सुगंधित चावल के लिये विशिष्ट, प्रीमियम किस्मों का सूचक |
Sd1 |
पौधे की ऊँचाई (अर्द्ध-बौना) |
हरित क्रांति के लिये केंद्रीय, उपज बढ़ाता है और गिरने (lodging) की समस्या घटाता है |
Saltol QTL |
लवण सहनशीलता (अंकुरण अवस्था में) |
तटीय और लवणीय क्षेत्रों के लिये महत्त्वपूर्ण, स्ट्रेस-रेसिलिएंट किस्मों के प्रजनन में प्रमुख |
चावल:
- चावल अधिकांश भारतीयों का मुख्य भोजन है, जिसकी खेती कुल फसल क्षेत्र के लगभग 25% भाग पर की जाती है तथा भारत विश्व स्तर पर चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक तथा विश्व स्तर पर चावल का सबसे बड़ा निर्यातक भी है।
- यह एक खरीफ फसल है जिसे उच्च तापमान (>25°C), उच्च आर्द्रता, 75-125 सेमी वर्षा और पर्याप्त धूप की आवश्यकता होती है। इष्टतम तापमान 30°C दिन/20°C रात है, जो थोड़े समय के लिये 40°C तक तापमान के अनुकूल है।
- यह अच्छी जल धारण क्षमता और जल निकासी वाली pH 5.5-6.5 वाली मिट्टी में सबसे अच्छी तरह उत्पादित होता है।
- प्रमुख उत्पादक: पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब।
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