गंगोत्री हिमनद का पीछे हटना जलवायु संकट का संकेत | 01 Sep 2025

स्रोत: डीटीई  

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर और ICIMOD (नेपाल) द्वारा किये गए अध्ययन से ज्ञात होता है कि गंगा के प्राथमिक स्रोत गंगोत्री हिमनद तंत्र (GGS) ने वर्ष 1980–2020 के बीच बढ़ते तापमान एवं जलवायु परिवर्तन के कारण अपने हिमविगघल प्रवाह (snowmelt flow) में करीब 10% की गिरावट दर्ज की है। 

  • हिमालयी हिमनद औसतन 46 सेमी. प्रति वर्ष की दर से संकुचित हो रहे हैं और गंगोत्री का मुख (snout) लगातार पीछे हट रहा है। वर्षा-अपवाह और आधार प्रवाह में वृद्धि जलवायु-जनित जलविज्ञानी परिवर्तनों का संकेत देती है। 
    • केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, हिमालयी क्षेत्र में हिमनदीय झीलों व अन्य जल निकायों का क्षेत्रफल वर्ष 2011 से 2024 के बीच 10.81% बढ़ा है। 

गंगोत्री हिमनद 

  • परिचय: उत्तरकाशी (उत्तराखंड) में स्थित, गंगोत्री हिमनद हिमालय के सबसे बड़े हिमनदों में से एक है, जो चौखंबा श्रेणी की उत्तरी ढलानों से उद्गमित होता है। 
    • यह एक संयुक्त घाटी हिमनद है, जिसे रक्‍तवर्ण, चतुरंगी और स्वच्छंद जैसे कई सहायक हिमनद पोषित करते हैं। इसे शिवलिंग, थलै सागर, मेरु और भागीरथी-III जैसे पर्वत शिखरों से पोषण मिलता है।
    • यह गौमुख पर समाप्त होता है, जहाँ से भागीरथी नदी उद्गमित होती है जो आगे चलकर अलकनंदा से मिलकर देवप्रयाग में गंगा का सृजन करती है।
  • गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान: वर्ष 1989 में स्थापित इस राष्ट्रीय उद्यान में गौमुख (गंगा का उद्गम स्थल) और प्रसिद्ध गौमुख-तपोवन ट्रेक आदि उल्लेखनीय स्थल शामिल हैं। 

Gangotri Glacier

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