गगनयान: एकीकृत मुख्य पैराशूट एयरड्रॉप का सफल परीक्षण | 06 Dec 2025

स्रोत: पी. आई. बी.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एकीकृत मुख्य पैराशूट एरड्रॉप परीक्षण (Integrated Main Parachute Airdrop Test- IMAT) सफलतापूर्वक पूरा किया है, जो भारत के प्रथम मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान (पहली तिमाही वर्ष 2027 में निर्धारित) की तैयारी में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। यह परीक्षण इसरो के मानव-मूल्यांकन प्रोटोकॉल और अंतरिक्षयात्री सुरक्षा तैयारी को और सुदृढ़ करता है।

एकीकृत मुख्य पैराशूट एरड्रॉप परीक्षण (IMAT)

परिचय: 

  • IMAT, गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिये इसरो द्वारा किया जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण परीक्षण है।
  • इस परीक्षण में वास्तविक आकार की पैराशूट प्रणाली को ऊँचाई से छोड़ा जाता है, ताकि पुनः प्रवेश और लैंडिंग के समय उसके प्रदर्शन की पुष्टि की जा सके।
  • IMAT की सफलता भारत को अपने पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के और करीब ले जाती है।

विशेषताएँ: 

  • यह परीक्षण बेहद चुनौतीपूर्ण अवतरण स्थितियों का अनुकरण करता है, जिसमें पैराशूट के देर से खुलने जैसी परिस्थितियाँ भी शामिल होती हैं।
  • संरचनात्मक मज़बूती, भार वहन क्षमता और तनाव की स्थिति में स्थिरता की जाँच करता है।
  • अंतरिक्षयात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये मानव-मूल्यांकन प्रमाणन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। 

गगनयान मिशन

  • परिचय:भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, जिसका उद्देश्य 3 अंतरिक्ष यात्रियों के दल को 400 कि.मी. की निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में 3 दिनों के लिये भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।
    • इसमें मानव रहित परीक्षण मिशन शामिल होंगे, जिनके बाद पहला मानवयुक्त मिशन 2027 की शुरुआत में होने की संभावना है।
  • महत्त्व: गगनयान की सफलता भारत को उन चुनिंदा देशों (अमेरिका, रूस, चीन) की श्रेणी में शामिल करेगी जिनके पास मानव अंतरिक्ष उड़ान की क्षमता है।
  • चालक दल की सुरक्षा के लिये प्रमुख प्रौद्योगिकियाँ:
    • ह्यूमन-रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3): यह इसरो के LVM3 रॉकेट का संशोधित संस्करण है। इसमें ठोस, द्रव और क्रायोजेनिक चरण शामिल हैं, जिन्हें ह्यूमन-रेटेड लॉन्च व्हीकल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पुनर्गठित किया गया है।
      • यह रॉकेट ऑर्बिटल मॉड्यूल को 400 कि.मी. की निम्न पृथ्वी कक्षा में प्रक्षेपित करने में सक्षम है और इसमें क्रू एस्केप सिस्टम (CES) लगा है, जिसमें हाई बर्न-रेट वाले सॉलिड मोटर्स लगे हैं ताकि प्रक्षेपण या आरोहण के दौरान आपात स्थिति में चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
      • CES प्रक्षेपण या आरोहण के दौरान किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित तरीके से मिशन को निरस्त करने की सुविधा प्रदान करता है।
    • ओर्बिट्स मॉड्यूल (OM): इसमें जीवन रक्षक, एवियोनिक्स और प्रणोदन प्रणालियों के साथ क्रू मॉड्यूल (CM) और सर्विस मॉड्यूल (SM) स्थित होते हैं।
      • क्रू मॉड्यूल (CM) एक रहने योग्य अंतरिक्षीय संरचना है, जिसमें पृथ्वी जैसे वातावरण की व्यवस्था की गई है। इसमें दबावयुक्त आंतरिक संरचना और दबावरहित बाहरी संरचना होती है।
      • सर्विस मॉड्यूल (SM) कक्षा में CM का समर्थन करता है। यह तापीय प्रणाली, प्रणोदन प्रणाली, विद्युत प्रणाली, एवियोनिक्स और परिनियोजन तंत्र प्रदान करता है, लेकिन यह दबावरहित रहता है।

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