एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय | 11 Jul 2025

स्रोत: TH

 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) के कई छात्रों ने मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS)

  • EMRS: एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) जनजातीय कार्य मंत्रालय (MoTA) द्वारा वर्ष 1998 में शुरू की गई एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य दूरदराज़ और जनजातीय बहुल क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों को कक्षा 6वीं से 12वीं तक नि:शुल्क, गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा प्रदान करना है।
  • उद्देश्य: खेल, संस्कृति और कौशल प्रशिक्षण सहित समग्र विकास के साथ एकीकृत CBSE-आधारित निर्देश प्रदान करके आदिवासी और गैर-आदिवासी आबादी के बीच शैक्षिक अंतर को कम करना।
    • पुनर्गठन और विस्तार: इस योजना को वर्ष 2018–19 में पुनर्गठित किया गया ताकि इसका दायरा बढ़ाया जा सके। अब EMRS उन ब्लॉकों में स्थापित किये जा रहे हैं, जहाँ 50% से अधिक ST आबादी है और कम-से-कम 20,000 जनजातीय व्यक्ति रहते हैं। इसका लक्ष्य वर्ष 2026 तक 728 स्कूलों की स्थापना करना है।
    • शासन व्यवस्था: इन विद्यालयों का संचालन राष्ट्रीय जनजातीय छात्र शिक्षा समिति (NESTS) द्वारा किया जाता है, जो कि MoTA के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था है।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • ये विद्यालय सहशैक्षिक और पूर्णतः आवासीय होते हैं, जिन्हें नवोदय विद्यालयों के तर्ज पर जनजातीय समुदाय पर विशेष ध्यान देते हुए स्थापित किया गया है।
    • ये CBSE पाठ्यक्रम का पालन करते हैं और छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा के साथ-साथ सभी मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
    • बुनियादी ढाँचा में कक्षाएँ, प्रयोगशालाएँ, छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर, खेल के मैदान और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिये स्थान शामिल होते हैं।
    • प्रत्येक विद्यालय की क्षमता 480 छात्रों की होती है, जिसमें लैंगिक समानता सुनिश्चित की जाती है।
    • 10% तक सीटें गैर-जनजातीय (non-ST) छात्रों को आवंटित की जा सकती हैं।
    • खेल कोटा के अंतर्गत 20% आरक्षण एथलेटिक्स और खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी ST छात्रों के लिये निर्धारित है।

जनजातीय शिक्षा हेतु अन्य पहल

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