सबसे बड़े और सबसे दूर स्थित ब्लैक होल फ्लेयर | 14 Nov 2025
खगोलविदों ने अब तक का सबसे बड़ा और सबसे दूर स्थित ब्लैक होल फ्लेयर का पता लगाया है। यह फ्लेयर एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियस (AGN) J2245+3743 के केंद्र में स्थित सुपरमैसिव ब्लैक होल से उत्पन्न हुआ है, जो पृथ्वी से 10 अरब प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है।
- सबसे चमकीला फ्लेयर: यह ब्लैक होल वर्ष 2018 में पहली बार पहचाना गया। अब तक देखे गए सबसे चमकीले फ्लेयर का स्रोत है, जो एक तारे के विघटन से उत्पन्न ज्वारीय विघटन घटना (Tidal Disruption Event- TDE) से संबंधित है।
- TDE एक विनाशकारी घटना है जिसमें एक तारा महाविशालकाय ब्लैक होल के अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण बलों द्वारा विघटित कर दिया जाता है, जिससे तीव्र विकिरण की एक चमक उत्सर्जित होती है।
- फ्लेयर की विशेषताएँ: यह फ्लेयर कुछ महीनों में 40 गुना तक प्रबल हो गया और अपनी चरम अवस्था में किसी भी पहले दर्ज ब्लैक होल फ्लेयर से 30 गुना अधिक चमकीला था। इससे लगभग 10 ट्रिलियन सूर्यों के बराबर ऊर्जा उत्सर्जित हुई।
- तारे का विघटन: वर्ष 2023 में केक ऑब्ज़र्वेटरी से प्राप्त डेटा ने फ्लेयर की तीव्र ऊर्जा की पुष्टि की तथा सुपरनोवा की संभावना को खारिज कर दिया गया। डेटा से पता चला कि यह ब्लैक होल जिस तारे को विघटित कर रहा है, उसका द्रव्यमान सूर्य से 30 गुना अधिक है, जो पिछले TDE मामलों में देखे गए तारों से कहीं बड़ा है।
- टाइम डाइलेशन इफेक्ट: ब्लैक होल का अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण ब्रह्माण्डीय समय विस्तार का कारण बनता है, जिससे प्रकाश फैलता है और शोधकर्त्ताओं को धीमी गति से घटना का अवलोकन करने की अनुमति मिलती है, जिससे ब्लैक होल की गतिशीलता के बारे में बहुमूल्य जानकारी मिलती है।
- सोलर फ्लेयर: सोलर फ्लेयर सूर्य पर होने वाला एक शक्तिशाली विस्फोट है, जो प्रायः सोलर स्पॉट्स के ऊपर चुंबकीय क्षेत्रों में संग्रहित ऊर्जा के अचानक मुक्त होने के कारण होता है, जो सूर्य पर चमकीले क्षेत्रों के रूप में दिखाई देते हैं।
- ये फ्लेयर कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक रह सकते हैं, इस दौरान ये पदार्थ को लाखों डिग्री तक गर्म कर देते हैं और पूरे विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम में, जिसमें रेडियो तरंगें, एक्स-रे और गामा किरणें शामिल हैं, तेज़ विकिरण उत्सर्जित करते हैं।
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