EFTA के साथ व्यापार वार्ता में डेटा विशिष्टता | 20 Feb 2024

स्रोत: द हिंदू

भारत ने हाल ही में मुक्त व्यापार समझौते के लिये यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (European Free Trade Association- EFTA) के साथ चल रही चर्चा में 'डेटा विशिष्टता' खंड को शामिल करने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। 

व्यापार समझौते के तहत डेटा विशिष्टता क्या है?

  • परिचय: डेटा विशिष्टता इस मसौदा समझौते के एक खंड से संबंधित है जो किसी दवा के परीक्षण और विकास के दौरान उत्पन्न नैदानिक ​​​​परीक्षण डेटा पर न्यूनतम 6 वर्ष का प्रतिबंध (वाणिज्य पर कानूनी प्रतिबंध) लगाता है।
    • इस प्रकार दवाओं के जेनेरिक संस्करण का उत्पादन करने के इच्छुक निर्माताओं को या तो स्वयं ऐसा डेटा तैयार करने की आवश्यकता होगी, जो एक महँगा प्रस्ताव है या भारत में अपने संस्करण बेचने से पहले उपरोक्त निर्दिष्ट अवधि तक प्रतीक्षा करना होगा।
  • भारत के जेनेरिक दवा उद्योग पर प्रभाव: भारत का जेनेरिक दवा उद्योग विश्व स्तर पर महँगी दवाओं के किफायती विकल्प प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण रहा है।
    • हालाँकि डेटा विशिष्टता लागू करने से इस उद्योग के विकास और सस्ती दवाओं की पहुँच गंभीर रूप से बाधित हो सकती है।
  • ऐतिहासिक संदर्भ और अस्वीकृति: भारत के साथ व्यापार वार्ता के दौरान यूरोपीय यूनियन (EU) और EFTA दोनों की ओर से वर्ष 2008 से डेटा विशिष्टता की मांग लगातार उठ रही है।
    • इसके बावजूद भारत ने लगातार इन अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया है।

यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन क्या है? 

  • परिचय: यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्ज़रलैंड (ये चारों यूरोपीय यूनियन का हिस्सा नहीं हैं) का अंतर-सरकारी संगठन है।
    • इसकी स्थापना वर्ष 1960 में स्टॉकहोम कन्वेंशन द्वारा की गई थी।
    • इसका उद्देश्य अपने चार सदस्य देशों और विश्व भर में उनके व्यापारिक भागीदारों के लाभ के लिये मुक्त व्यापार तथा आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है।

  • भारत और EFTA: EFTA सदस्यों और भारत के बीच वाणिज्यिक व्यापार का कुल मूल्य वर्ष 2022 में 6.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगा।
    • फार्मास्युटिकल उत्पाद (11.4%) तथा मशीनरी (17.5%) भारत के शीर्ष निर्यात थे, जबकि कार्बनिक रसायन (27.5%) EFTA आयात के बहुमत के लिये ज़िम्मेदार थे।

मुक्त व्यापार समझौता क्या है ? 

  • परिचय: मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो या दो से अधिक देशों के बीच उनके बीच आयात और निर्यात की बाधाओं को कम करने के लिये एक समझौता है। 
    • इस समझौते के तहत, वस्तुओं और सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार बहुत कम या बिना किसी सरकारी टैरिफ, कोटा या उनके विनिमय को बाधित करने वाले प्रतिबंधों के साथ क्रय-विक्रय किया जा सकता है।
    • यह व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद के विपरीत है।
  • ऐतिहासिक संदर्भ: इसे पहली बार वर्ष 1817 में अर्थशास्त्री डेविड रिकार्डो ने अपनी पुस्तक "ऑन द प्रिंसिपल्स ऑफ पॉलिटिकल इकोनॉमी एंड टैक्सेशन" में लोकप्रिय बनाया था।
    • उन्होंने तर्क दिया कि मुक्त व्यापार विविधता का विस्तार करता है और साथ ही किसी देश में उपलब्ध वस्तुओं की कीमतें कम करता है जबकि अपने घरेलू संसाधनों, ज्ञान तथा विशेष कौशल का बेहतर दोहन करता है।
  • भारत का FTA: अब तक भारत ने अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ 13 मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसमें दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) पर समझौता भी शामिल है।
    • भारत-सिंगापुर व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA),
    • भारत-जापान CEPA एवं भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA)।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2018)

  1. ऑस्ट्रेलिया
  2.  कनाडा 
  3. चीन 
  4. भारत 
  5. जापान
  6. अमेरीका

उपर्युक्त में से कौन आसियान के 'मुक्त-व्यापार भागीदारों' में से हैं?

 (A) 1, 2, 4 और 5
 (B) 3, 4, 5 और 6
 (C) 1, 3, 4 और 5
 (D) 2, 3, 4 और 6

 उत्तर: (C)


प्रश्न. "बंद अर्थव्यवस्था" वह अर्थव्यवस्था है जिसमें– (2011)

(A) मुद्रा आपूर्ति पूरी तरह से नियंत्रित होती है
(B) घाटे का वित्तपोषण होता है 
(C) केवल निर्यात होता है
(D) न तो निर्यात होता है और न ही आयात होता है

उत्तर: (D)