सी. पी. राधाकृष्णन उप-राष्ट्रपति चुने गए | 10 Sep 2025
सी. पी. राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं। उन्होंने यह चुनाव पूर्व सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश बी. सुधर्शन रेड्डी को हराकर जीता, जो जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद आयोजित किया गया था।
- चुनाव में राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए और मतदान प्रतिशत 98.2% रहा।
सी.पी. राधाकृष्णन
- उन्होंने झारखंड, तेलंगाना, पुदुचेरी और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। पेशे से वे कृषिविशेषज्ञ (Agriculturist) और उद्योगपति हैं और तमिलनाडु से तीसरे नेता हैं जिन्होंने उपराष्ट्रपति का पद संभाला।
- वे कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं।
भारत के उपराष्ट्रपति के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय: उपराष्ट्रपति भारत में राष्ट्रपति के बाद दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक अधिकारी होता है (अनुच्छेद 63)।
- निर्वाचन और पात्रता: उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सांसदों द्वारा सांविधिक प्रतिनिधित्व (proportional representation) के माध्यम से किया जाता है। उपराष्ट्रपति कम से कम 35 वर्ष का, भारत का नागरिक और राज्यसभा सदस्य बनने के लिये योग्य होना चाहिये।
- कार्यकाल और रिक्ति: पाँच वर्ष की अवधि के लिये कार्य करता है, जिसमें एक उत्तराधिकारी के निर्वाचित होने तक पद पर बने रहने की संभावना शामिल है।
- मुख्य भूमिका: वे राज्यसभा के पदेन अध्यक्ष (ex-officio Chairman) के रूप में कार्य करते हैं।
- राष्ट्रपति की अनुपस्थिति या पद रिक्त होने की स्थिति में वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है (अनुच्छेद 65)।
- निष्कासन: राज्यसभा में प्रस्ताव पारित कर तथा लोकसभा की स्वीकृति प्राप्त कर, 14 दिन का नोटिस देकर हटाया जा सकता है (अनुच्छेद 67)।
भारत के उपराष्ट्रपति के पद से संबंधित कुछ विशिष्ट तथ्य
- केवल डॉ. एस. राधाकृष्णन (प्रथम एवं द्वितीय उपराष्ट्रपति, दोनों बार निर्विरोध निर्वाचित) और मोहम्मद हामिद अंसारी (13वें एवं 14वें उपराष्ट्रपति, 2007–2017) ही लगातार दो कार्यकाल तक इस पद पर रहे हैं।
- डॉ. एस. राधाकृष्णन के अतिरिक्त एम. हिदायतुल्लाह (7वें उपराष्ट्रपति) और डॉ. शंकर दयाल शर्मा (9वें उपराष्ट्रपति) भी निर्विरोध निर्वाचित हुए थे।
- कृष्णकांत (10वें उपराष्ट्रपति, 1997–2002) पहले और एकमात्र उपराष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल के दौरान निधन हुआ।
- न्यायमूर्ति मोहम्मद हिदायतुल्लाह भारतीय इतिहास में ऐसे एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश, कार्यवाहक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति तीनों पदों पर कार्य किया।