कोरोनल मास इजेक्शन | 14 Jun 2023

20 जुलाई, 2017 को हुए एक सौर विस्फोट के केंद्र की ऊर्जा अवस्था के निरंतर विकास पर दृष्टि बनाए रखने वाले वैज्ञानिकों ने पाया है कि यह विचित्र ढंग से निरंतर एक स्थिर तापमान बनाए रखता है।

  • कोरोना द्रव्य उत्क्षेपण/कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) सौर वातावरण से अंतरिक्ष में आवेशित कणों (प्लाज़्मा) और चुंबकीय क्षेत्रों के बड़े पैमाने पर हुए विस्फोट हैं। वे पृथ्वी पर भू-केंद्र और अंतरिक्ष आधारित संचार प्रौद्योगिकियों एवं उपग्रहों की एक शृंखला को बाधित कर सकते हैं। 

खोज के प्रमुख बिंदु: 

  • कोरोनल मास इजेक्शन के केंद्र के तापमान और घनत्त्व का अनुमान लगाया गया तथा यह पाया गया है कि CME कोर विचित्र ढंग से एक निरंतर स्थिर तापमान बनाए रखता है क्योंकि यह अपेक्षित स्थिरोष्म प्रशीतन (Adiabatic Cooling) के बावजूद कोर के विस्तार के लिये 1.05 से 1.35 (सूर्य की त्रिज्या/Rsun) तक फैलता है।
    • एक्सप्रेशन "1.05 से 1.35 Rsun" उन मानों की श्रेणी को संदर्भित करता है जो सूर्य के आकार अथवा त्रिज्या को दर्शाते हैं। जिस वस्तु का वर्णन किया जा रहा है उसका दायरा सूर्य की त्रिज्या के 1.05 गुना (Rsun) से लेकर 1.35 गुना तक है।
  • CME कोर का विस्तार एक ऐसी  स्थिरोष्म प्रक्रिया की तुलना में अधिक समतापीय (Isothermal) स्थिति की तरह व्यवहार करता है।
    • समतापी प्रक्रम (Isothermal Process) एक प्रकार की थर्मोडायनामिक प्रक्रिया है जिसमें एक प्रणाली का तापमान स्थिर रहता है।
    • स्थिरोष्म प्रक्रिया तब होती है जब प्रणाली और उसके परिवेश के बीच ऊष्मा का आदान-प्रदान नहीं होता है।

कोरोनल मास इजेक्शन: 

  • कोरोनल मास इजेक्शन (CME) सौर वातावरण से अंतरिक्ष में आवेशित कणों (प्लाज़्मा) और चुंबकीय क्षेत्रों के बड़े पैमाने पर विस्फोट हैं। वे पृथ्वी पर भू-केंद्र और अंतरिक्ष आधारित प्रौद्योगिकियों एवं उपग्रहों की एक शृंखला को बाधित कर सकते हैं। 
    • CME के थर्मोडायनामिक गुणों का विकास, जैसे- तापमान और घनत्व, पृथ्वी पर संचार प्रणालियों पर उनके प्रभाव को समझने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • ठंडी क्रोमोस्फेरिक सामग्री (लगभग 104 K) से लेकर गर्म प्लाज़्मा (लगभग 107 K) तक CMEs के भीतर प्लाज़्मा तापमान की एक विस्तृत शृंखला होती है।
  • CME कई प्रक्रियाओं के चलते ऊर्जा (विद्युत, गतिज, तापीय और इसी तरह की संभावित) का आदान-प्रदान कर सकते हैं, जिससे प्लाज़्मा को गर्म या ठंडा किया जा सकता है। CME को समझने से अंतरिक्ष मौसम की निगरानी करने की हमारी क्षमता में मदद मिलेगी।

भारत का सौर मिशन: 

  • भारत के पहले सौर मिशन- आदित्य-एल1 पर विज़िबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) आंतरिक कोरोना में CME की स्पेक्ट्रोस्कोपी और इमेजिंग दोनों का प्रदर्शन करेगा तथा आंतरिक कोरोना में CME थर्मोडायनामिक गुणों के विकास में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. सूर्य से दूरी के क्रम में निम्नलिखित में से कौन-से ग्रह मंगल और अरुण ग्रह के बीच स्थित हैं? (2008)  

(a) पृथ्वी और बृहस्पति  
(b) बृहस्पति और शनि
(c) शनि और पृथ्वी  
(d) शनि और वरुण 

उत्तर: (b) 


प्रश्न. वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा से वातावरण का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है, क्योंकि यह कार्बन डाइऑक्साइड: (2012)  

(a) वायु में उपस्थित जलवाष्प को अवशोषित कर उसकी ऊष्मा को संचित करती है  
(b) सौर विकिरण के पराबैंगनी अंश को अवशोषित करती है
(c) सभी सौर विकिरण को अवशोषित करती है
(d) सौर विकिरण के अवरक्त अंश को अवशोषित करती है 

उत्तर: (d) 


प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में 'इवेंट होराइजन', ‘सिंगुलैरिटी', ‘स्ट्रिंग थ्योरी' और ‘स्टैंडर्ड मॉडल' जैसे शब्द किस संदर्भ में आते हैं? (2017)  

(a) ब्रह्मांड का प्रेक्षण और बोध  
(b) सूर्य और चंद्र ग्रहणों का अध्ययन 
(c) पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों का स्थापन  
(d) पृथ्वी पर जीवित जीवों की उत्पत्ति और क्रमविकास   

उत्तर: (a) 

स्रोत: पी.आई.बी.