CEREBO: इंडिजेनस ब्रेन डायग्नोस्टिक टूल | 03 Sep 2025
भारत ने CEREBO नामक एक इंडिजेनस, हैंड-हेल्ड डायग्नोस्टिक टूल विकसित किया है, जो ट्रॉमैटिक ब्रेन इंजरी (TBI) का पता लगाने के लिये बनाया गया है। इसका उद्देश्य प्रारंभिक पहचान और मरीजों के परिणामों में सुधार करना है, विशेषकर ग्रामीण तथा आपातकालीन परिस्थितियों में।
- CEREBO की प्रमुख विशेषताएँ:
- प्रौद्योगिकी: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा विकसित, यह उन्नत नियर-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी और मशीन लर्निंग का उपयोग करके इंट्राक्रैनियल ब्लीडिंग तथा एडिमा का पता लगाता है।
- गति: एक मिनट के भीतर परिणाम उपलब्ध कराता है, जिससे आपात स्थिति में तेज़ी से निदान संभव होता है।
- सुरक्षा: यह गैर-आक्रामक और विकिरण-मुक्त है, जिससे शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और बार-बार उपयोग के लिये सुरक्षित है।
- उपयोगकर्त्ता-अनुकूल:स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा आसान परिणामों के लिये कलर-कोडेड आउटपुट प्रदान करता है।
- यह पोर्टेबल है और इसे एम्बुलेंस, ट्रॉमा सेंटर, ग्रामीण क्लीनिक तथा आपदा प्रतिक्रिया इकाइयों के लिये डिज़ाइन किया गया है, जहाँ CT (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) या MRI (मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग) स्कैन की उपलब्धता सीमित होती है।
- लागत-प्रभावशीलता: सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों में CT स्कैन का एक किफायती विकल्प उपलब्ध कराता है।
- CEREBO, गहन ऊतक मूल्यांकन (Deep Tissue Assessment) के लिये CT स्कैन का स्थानापन्न नहीं है, बल्कि उसे पूरक करता है।
- ट्रॉमैटिक ब्रेन इंजरी (TBI): यह मस्तिष्क को बाह्य बल से होने वाली क्षति है। माइल्ड TBI सोचने, चलने या व्यवहार पर अस्थायी प्रभाव डाल सकती है, जबकि सीवियर TBI स्थायी दिव्यांगता या मृत्यु का कारण बन सकती है।
और पढ़ें: ब्रेनवेयर |