CBDT ने 95 अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौतों पर हस्ताक्षर किये | 08 Apr 2023

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes- CBDT) ने भारतीय करदाताओं के साथ वित्त वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 95 अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौते (APAs) किये हैं। 

  • इसमें 63 APA (UAPA) और 32 द्विपक्षीय APA (BAPA) शामिल हैं।
    • यह किसी एक वित्तीय वर्ष में CBDT द्वारा अब तक किये गए सर्वाधिक BAPA हैं।
  • भारत के संधि भागीदारों फिनलैंड, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, डेनमार्क, सिंगापुर और जापान के साथ आपसी समझौतों के बाद BAPAs पर हस्ताक्षर किये गए।

अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौते (APA):  

  • परिचय:  
    • भारत में अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौते (APA) कार्यक्रम को वर्ष 2012 में वित्त अधिनियम, 2012 के माध्यम से आयकर अधिनियम, 1961 में धारा 92CC एवं 92CD को सम्मिलित करके शुरू किया गया था।
    • APA भविष्य के वर्षों के लिये करदाता के अंतर्राष्ट्रीय विनिमय के मूल्य निर्धारण के लिये हस्तांतरण मूल्य निर्धारण पद्धति का निर्धारण करने वाले करदाता और कर प्राधिकरण के बीच एक समझौता है।
      • एक बार APA मुहरबंद हो जाने के बाद, कुछ नियमों और शर्तों की पूर्ति के आधार पर कार्यप्रणाली को एक निश्चित अवधि के लिये कार्यान्वित किया जाना है। 
  • प्रकार:  
    • APA एकतरफा, द्विपक्षीय या बहुपक्षीय हो सकता है। 
      • एकपक्षीय APA: एक APA जिसमें केवल करदाता और उस देश का कर प्राधिकरण शामिल होता है जहाँ करदाता स्थित होता है।
      • द्विपक्षीय APA (BAPA): एक APA जिसमें करदाता, विदेश में करदाता का संबद्ध उद्यम (AE), उस देश का कर प्राधिकरण जहाँ करदाता स्थित है और विदेशी कर प्राधिकरण शामिल है। 
      • बहुपक्षीय APA (MAPA): एक APA जिसमें करदाता, विभिन्न विदेशी देशों में करदाता के दो या दो से अधिक AE, उस देश के कर प्राधिकरण जहाँ करदाता स्थित है और AE के कर प्राधिकरण शामिल हैं।
  • महत्त्व:  
    • APA कार्यक्रम का व्यापार करने में सुलभता (ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस) को बढ़ावा देने के भारत सरकार के मिशन में महत्त्वपूर्ण योगदान है।
    • यह कार्यक्रम का विशेष लाभ सीमा पार लेनदेन में होता है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड(Central Board of Direct Taxes- CBDT) 

  • यह केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के तहत कार्य करने वाला एक वैधानिक प्राधिकरण है।
  • यह वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक अंग है।
  • यह भारत में प्रत्यक्ष करों की नीति और योजना के लिये इनपुट प्रदान करता है और आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानूनों के प्रशासन के लिये भी उत्तरदायी है।
  • प्रत्यक्ष करों के अंतर्गत आयकर, निगम कर आदि शामिल हैं।

स्रोत: पी.आई.बी