CAR-T सेल थेरेपी | 04 Nov 2023

प्रिलिम्स के लिये:

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO), काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर T सेल (CAR-T cell) थेरेपी,  NexCAR19, नेशनल कैंसर ग्रिड

मेन्स के लिये:

CAR-T सेल थेरेपी, विकास और दैनिक जीवन में उनके अनुप्रयोग एवं प्रभाव

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation- CDSCO) ने भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर T सेल (CAR-T cell) थेरेपी, NexCAR19 के लिये बाज़ार प्राधिकार प्रदान किया है।   

  • भारत अब स्वदेशी CAR-T और जीन थेरेपी प्लेटफॉर्म रखने वाले पहले विकासशील देशों में से एक है।

NexCAR19:

  • परिचय:
    • NexCar19 एक प्रकार की CAR-T और जीन थेरेपी है जिसे भारत में ImmunoACT द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, जो कि IIT बॉम्बे में इनक्यूबेट की गई कंपनी है।
    • इसे CD19 प्रोटीन का संवहन करने वाली कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
      • यह प्रोटीन कैंसर कोशिकाओं पर एक मार्कर के रूप में कार्य करता है, जो CAR-T कोशिकाओं को उनकी पहचान करने, पालन करने और उन्मूलन प्रक्रिया शुरू करने में सक्षम बनाता है।
    • यहाँ तक कि कुछ विकसित देशों के पास अपनी CAR-T थेरेपी नहीं है; वे उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका या यूरोप से आयात करते हैं।

  • रोगी पात्रता: 
    • NexCAR19 थेरेपी B-सेल लिंफोमा वाले व्यक्तियों के लिये है, जिन पर कीमोथेरेपी जैसे मानक उपचारों का प्रभाव नहीं पड़ा और जिन्होंने कैंसर की पुनरावृत्ति का अनुभव किया है।
    • प्रारंभ में थेरेपी 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के रोगियों के लिये स्वीकृत है।
  • प्रक्रिया:
    • यह प्रक्रिया एक ट्रांसफ्यूज़न केंद्र में रोगी द्वारा रक्त दान करने से शुरू होती है। T-कोशिकाओं को आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है और 7-10 दिनों की अवधि के भीतर रोगी में पुन: स्थापित किया जाता है।
  • प्रभावकारिता:
    • इससे दवा-संबंधी विषाक्तता काफी कम हो जाती है। यह न्यूरॉन्स और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को न्यूनतम नुकसान पहुँचाता है, इस स्थिति को न्यूरोटॉक्सिसिटी के रूप में जाना जाता है।

      • न्यूरोटॉक्सिसिटी तब हो सकती है जब CAR-T कोशिकाएँ CD19 प्रोटीन को पहचानती हैं और मस्तिष्क में प्रवेश करती हैं, जिससे संभावित रूप से जीवन के लिये खतरा उत्पन्न हो सकता है

    • इस थेरेपी के परिणामस्वरूप मिनिमल साइटोकिन रिलीज़ सिंड्रोम (CRS) भी होता है, जो ट्यूमर कोशिकाओं की एक महत्त्वपूर्ण संख्या की कमी के कारण शरीर में सूजन और हाइपरइन्फ्लेमेशन की विशेषता है, क्योंकि CAR-T कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने एवं उसे  खत्म करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।