पूर्वोत्तर भारत में रबड़ की खेती को प्रोत्साहन | 19 Sep 2023

स्रोत: द हिंदू

रबड़ बोर्ड ने केंद्र सरकार और ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के साथ मिलकर पूर्वोत्तर राज्यों (सिक्किम को छोड़कर, लेकिन पश्चिम बंगाल को शामिल करते हुए) में प्राकृतिक रबड़ की खेती व उत्पादन के लिये समर्पित क्षेत्र को विस्तारित करने के लिये एक परियोजना शुरू की है।

  • टायर निर्माताओं (रबड़ के प्राथमिक उपभोक्ता) ने वर्ष 2021 में शुरू हुई इस पाँच वर्ष की परियोजना के लिये 1,000 करोड़ रुपए के निवेश का आश्वासन दिया है।

भारत में रबड़ बाज़ार की स्थिति: 

  • प्राकृतिक रबड़ के विषय में: 
    • प्राकृतिक रबड़ एक बहुपयोगी और आवश्यक कच्चा माल है जो कुछ पौधों की प्रजातियों( मुख्य रूप से रबड़ के पेड़) के लेटेक्स अथवा दूधिया तरल पदार्थ से प्राप्त होता है, जिसे वैज्ञानिक रूप से हेविया ब्रासिलिएन्सिस के नाम से जाना जाता है।
      • इस लेटेक्स में कार्बनिक यौगिकों का एक जटिल मिश्रण होता है, जिसका प्राथमिक घटक पॉलीआइसोप्रीन नामक बहुलक होता है।
  • खेती हेतु उपयुक्त जलवायवीय स्थितियाँ: 
    • इसकी खेती के लिये 2000 - 4500 मि.मी. वार्षिक वर्षा वाली उष्णकटिबंधीय जलवायु उपयुक्त होती है।
    • इसके लिये 4.5 से 6.0 के अम्लीय pH तथा उपलब्ध फॉस्फोरस की न्यूनतम मात्रा वाली गहरी और लेटराइट उपजाऊ मृदा की आवश्यकता होती है।
    • न्यूनतम और अधिकतम तापमान 25 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिये जिसमें 80% सापेक्ष आर्द्रता खेती के लिये आदर्श है। 
      • तीव्र पवनों की संभावना वाले क्षेत्रों से बचना चाहिये।
    • वर्ष भर प्रतिदिन 6 घंटे की दर से प्रति वर्ष लगभग 2000 घंटे तक तेज़ धूप की आवश्यकता होती है।
  • रबड़ उत्पादन और खपत:
    • भारत वर्तमान में प्राकृतिक रबड़ का विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा उत्पादक देश है, तो वहीं यह विश्व स्तर पर इसका दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है।  (भारत की कुल प्राकृतिक रबड़ खपत का लगभग 40% वर्तमान में आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है) 
  • रबड़ का वितरण:
    • वर्तमान में भारत में लगभग 8.5 लाख हेक्टेयर रबड़ के बागान हैं।
    • प्रमुख रबड़ उत्पादक राज्यों में शामिल हैं: केरल, तमिलनाडु, त्रिपुरा और असम 
      • रबड़ की खेती का एक बहुत बड़ा हिस्सा, लगभग 5 लाख हेक्टेयर, दक्षिणी राज्यों केरल और तमिलनाडु के कन्याकुमारी ज़िले में स्थित है।
      • इसके अतिरिक्त, त्रिपुरा रबड़ उत्पादन परिदृश्य में लगभग 1 लाख हेक्टेयर का योगदान करता है।
  •  प्रमुख अनुप्रयोग: 
    • टायर निर्माण: रबड़ अपनी उत्कृष्ट पकड़ और घिसावट प्रतिरोध के कारण टायर उत्पादन का एक प्रमुख घटक है।
    • ऑटोमोटिव पार्ट्स: सील, गास्केट, होसेस और वाहनों के विभिन्न घटकों में उपयोग किया जाता है।
    • जूते: सामान्यतः इसके कुशनिंग और स्लिप-प्रतिरोधी गुणों के चलते इसका उपयोग जूतों के सोल बनाने में किया जाता है।
    • औद्योगिक उत्पाद: कन्वेयर बेल्ट, होसेस और मशीनरी घटकों में पाए जाते हैं।
    • चिकित्सा उपकरण: दस्ताने, सिरिंज प्लंजर और चिकित्सा उपकरणों में उपयोग किया जाता है।
    • उपभोक्ता वस्तुएँ: गुब्बारे, इरेज़र और घरेलू दस्ताने जैसे उत्पादों में उपयोग किया जाता है।
    • खेल का सामान: टेनिस बॉल, गोल्फ बॉल और सुरक्षात्मक गियर जैसी वस्तुओं में पाया जाता है।

रबड़ बोर्ड:

  • रबड़ बोर्ड रबड़ अधिनियम, 1947 की धारा (4) के तहत गठित एक वैधानिक संगठन है तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता है।
  • बोर्ड का नेतृत्व केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अध्यक्ष करता है और इसमें प्राकृतिक रबड़ उद्योग के विभिन्न हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले 28 सदस्य हैं।
    • बोर्ड का मुख्यालय केरल के कोट्टायम में स्थित है।
  • बोर्ड रबड़ से संबंधित अनुसंधान, विकास, विस्तार एवं प्रशिक्षण गतिविधियों को सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करके देश में रबड़ उद्योग के विकास के लिये उत्तरदायी है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक पादप-समूह ‘नवीन विश्व (न्यू वर्ल्ड)’ में कृषि-योग्य बनाया गया तथा इसका प्रचलन ‘प्राचीन विश्व (ओल्ड वर्ल्ड)’ में था?(2019)

(a) तंबाकू, कोको और रबड़
(b) तंबाकू, कपास और रबड़
(c) कपास, कॉफी और गन्ना
(d) रबड़, कॉफी और गेहूँ

उत्तर: (a)


प्रश्न. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये और सूचियों के नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (2008) 

      सूची-I                                    सूची-II 

    (बोर्ड)                                  (मुख्यालय) 

A. कॉफी बोर्ड                                  1. बंगलूरू
B. रबड़ बोर्ड                                    2. गुंटूर
C. चाय बोर्ड                                     3. कोट्टायम
D. तंबाकू बोर्ड                                  4. कोलकाता

कूट: 

        A       B         C         D 

(A)   2       4          3          1 
(B)   1       3          4          2 
(C)   2       3          4          1 
(D)   1       4          3          2 

उत्तर: (B)