ब्लैनेट्स | 28 Feb 2024

स्रोत: द हिंदू

इंटरस्टेलर, क्रिस्टोफर नोलन की वर्ष 2014 की विज्ञान कथा कृति, ब्लैक होल की परिक्रमा करने वाले तीन मनोरम ग्रहों को प्रस्तुत करती है, जिन्हें ब्लैनेट्स के रूप में जाना जाता है, जिसके बारे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह वास्तविकता में मौजूद हो सकते हैं।

  • जापान के वैज्ञानिकों ने वर्ष 2019 में सिद्धांत दिया कि ग्रह अपने आसपास के क्षेत्र में देखे गए विशाल धूल एवं गैस के बादलों से अतिविशाल ब्लैक होल के समीप निर्मित हो सकते हैं। इन ग्रहों, जिन्हें "ब्लैनेट" कहा जाता है, इनके पृथ्वी से सदृश होने का अनुमान नहीं है।
  • ग्रहों का निर्माण तब होता है जब किसी युवा तारे के चारों ओर घूम रही धूल तथा गैस टकराती हैं और एक साथ चिपक जाती हैं। इसी तरह की प्रक्रिया अतिविशाल ब्लैक होल के समीप भी हो सकती है, जहाँ ग्रह अपने नक्षत्र मंडल के अंदर आकार लेते हैं और अंततः ब्लैनेट निर्मित होते हैं।
  • यह अनुमान लगाया गया है कि ब्लैनेट्स पृथ्वी से काफी बड़ा है, इसका आकार लगभग 3,000 गुना है।
    • गुरुत्वाकर्षण विनाश से बचने के लिये, ब्लैनेट्स को लगभग 100 ट्रिलियन किलोमीटर की दूरी पर ब्लैक होल की परिक्रमा करने की आवश्यकता होगी।

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