छत्तीसगढ़ में कृष्ण मृग का पुनः प्रवेश | 23 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
कृष्ण मृग, जिसे वर्ष 2017 में स्थानीय रूप से विलुप्त घोषित कर दिया गया था, को राज्य वन विभाग द्वारा बारनवापारा अभयारण्य में पाँच वर्षीय पुनः प्रवेश योजना (2021–2026) के अंतर्गत पुनः प्रवेशित किया गया है। इस योजना के परिणामस्वरूप राज्य में इनकी आबादी बढ़कर वर्तमान में 190 से अधिक हो गई है जो कि उल्लेखनीय है।
कृष्ण मृग पुनः प्रवेश कार्यक्रम क्या है?
- परिचय: छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड ने क्षेत्र में कृष्ण मृगों की स्व-संवहनीय आबादी के उद्देश्य से पाँच वर्षीय योजना (2021–2026) को मंजूरी दी।
- इस परियोजना के तहत कुल 77 कृष्ण मृगों का स्थानांतरण किया गया। इनमें से 50 मृग नई दिल्ली के नेशनल ज़ूलॉजिकल पार्क से लाए गए और 27 मृग बिलासपुर के कानन पेंडारी ज़ूलॉजिकल गार्डन से प्राप्त किये गए।
- कृष्ण मृग (Antilope cervicapra), जो कभी छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता था, व्यापक आवास विनाश, शिकार और भूमि उपयोग परिवर्तनों के कारण गायब हो गया था।
- उद्देश्य: मुख्य उद्देश्य एक स्थिर और प्रजननशील कृष्ण मृग संख्या को पुनर्स्थापित करना और अभयारण्य के भीतर चरागाह प्रबंधन प्रथाओं को सुदृढ़ करना है।
- आवास और पशु चिकित्सा प्रबंधन: रेत की परत, बेहतर जल निकासी और चिकित्सा निगरानी ने मृत्यु दर को कम किया (जैसे, वर्ष 2018 निमोनिया के प्रकोप के बाद)।
- एक समर्पित टीम बनाई गई जो आवास सुधार के लिये कार्यरत है, जिसमें खरपतवार हटाना और स्थानीय घास की खेती शामिल है।
कृष्ण मृग से संबंधित प्रमुख तथ्य
- परिचय: कृष्ण मृग (Antilope cervicapra), जिसे भारतीय मृग (Indian Antelope) के नाम से भी जाना जाता है, एक सुंदर और दिनचर्यात्मक प्रजाति है जो भारत तथा नेपाल की मूल प्रजाति है।
- आवास: यह मुख्य रूप से खुले चरागाहों और झाड़ियों वाले क्षेत्रों में पाया जाता है, जैसे राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु तथा ओडिशा।
- यह प्रजाति चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का प्रमुख संकेतक है और प्रायः नज़रअंदाज किये जाने वाले आवासों के संरक्षण का प्रतीक है।
- भारत में कृष्ण मृगों के प्रमुख आवासों में वेलावदर ब्लैकबक सैंक्चुअरी (गुजरात), पॉइंट कैलिमेरे वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी (तमिलनाडु) और ताल छापर सैंक्चुअरी (राजस्थान) शामिल हैं।
- संरक्षण एवं संवर्द्धन स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: संकटमुक्त।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत: अनुसूची I, जो भारत में उच्चतम स्तर की कानूनी सुरक्षा प्रदान करती है।
- यह प्रजाति अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करने वाले CITES के परिशिष्ट III में भी शामिल है।
- प्रतीकात्मक महत्त्व:
- कृष्ण मृग को पंजाब, हरियाणा और आंध्र प्रदेश का राज्य पशु घोषित किया गया है, जो इसकी पारिस्थितिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता है।
बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य
- यह अभयारण्य छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है और इसका नाम इसके केंद्र में स्थित बार और नवापारा वन ग्रामों के नाम पर रखा गया है।
- इसमें कई ऊँची-नीची पहाड़ियों वाला एक लहरदार भूभाग है, जो विविध वन्यजीवों के लिये एक आदर्श प्राकृतिक परिदृश्य बनाता है।
- महानदी की कई सहायक नदियाँ इस अभयारण्य से होकर बहती हैं। बलमदेही नदी इसकी पश्चिमी सीमा बनाती है, जबकि जोंक नदी इसके उत्तरपूर्वी किनारे को चिह्नित करती है।
- इस अभयारण्य में सागौन, साल और मिश्रित वन प्रचुर मात्रा में हैं, जो विभिन्न प्रजातियों के लिए एक समृद्ध आवास प्रदान करते हैं।
- यहाँ आमतौर पर देखे जाने वाले जानवरों में भारतीय बाइसन (गौर), चीतल, सांभर, नीलगाय और जंगली सूअर शामिल हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. छत्तीसगढ़ सरकार ने कृष्ण मृग पुनः प्रवेश कार्यक्रम क्यों शुरू किया?
इस पहल का उद्देश्य बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में कृष्ण मृग को पुनः बसाना है, जो पिछले पाँच दशकों से स्थानीय रूप से विलुप्त हो चुके थे। इसके साथ ही यह कार्यक्रम चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को भी सुधारने का प्रयास करता है।
2. कृष्ण मृग पुनः प्रवेश कार्यक्रम का क्रियान्वयन कैसे किया जा रहा है?
एक पंचवर्षीय योजना (2021-2026) के तहत, अनुकूलन और दीर्घकालिक संख्या स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये 77 कृष्ण मृग को सॉफ्ट-रिलीज़ विधि का उपयोग करके स्थानांतरित किया गया।
3. भारत में कृष्ण मृग की संरक्षण स्थिति क्या है?
कृष्ण मृग (Antilope cervicapra) को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की सबसे कम चिंताजनक श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है, किंतु यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची–I में सम्मिलित है, जिससे इसे अधिकतम कानूनी संरक्षण प्राप्त होता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रश्न1. भारतीय अनूप मृग (बारहसिंगा) की उस उपजाति, जो पक्की भूमि पर फलती-फूलती है और केवल घासभक्षी है, के संरक्षण के लिये निम्नलिखित में से कौन-सा संरक्षित क्षेत्र प्रसिद्ध है? (2020)
(a) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
(b) मानस राष्ट्रीय उद्यान
(c) मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य
(d) ताल छप्पर वन्यजीव अभयारण्य
उत्तर: (a)