आदिकवि सरला दास की जयंती | 18 Jul 2025

स्रोत: पी.आई.बी.

भारत के राष्ट्रपति ने आदिकवि सरला दास की जयंती समारोह (15 जुलाई, 2025) में भाग लिया।

आदिकवि सरला दास

  • ओड़िया साहित्य के प्रवर्तक आदिकवि सरला दास का जन्म लगभग 15वीं शताब्दी में हुआ था।
    • वह ओडिया भाषा में लिखने वाले पहले विद्वान थे।
  • उनका प्रारंभिक नाम सिद्धेश्वर परिदा (Siddheswara Parida) था और वे गजपति राजा कपिलेंद्र देव के समकालीन थे।
  • उन्होंने अपनी महाकाव्य कविताएँ मुनिगोसाईं (Munigosain) नामक धार्मिक प्रतिष्ठान में लिखीं।
  • इन्हें ओडिया भाषा के तीन प्रमुख ग्रंथों- महाभारत (Mahabharata), विलंका रामायण (Vilanka Ramayana) और चंडी पुराण (Chandi Purana) के लिये जाना जाता है, इसके आलावा इन्होने लक्ष्मी नारायण वचनिका की रचना भी की।

ओडिया भाषा

  • इंडो-आर्यन परिवार के पूर्वी समूह में सबसे पुरानी, ओडिया भाषा की उत्पत्ति अर्धमागधी प्राकृत से हुई है। 
    • ओड़िया भाषा पर द्रविड़ भाषाओं के साथ-साथ अरबी, फारसी और अंग्रेज़ी का भी प्रभाव है।
  • वर्ष 2014 में संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम के बाद ओड़िया 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा प्राप्त करने वाला देश की छठी भाषा बन गई।
  • वर्ष 2014 में संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम के बाद ओड़िया देश की छठी भाषा बनी जिसे 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा प्राप्त हुआ।
    • वर्ष 2024 में मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को शास्त्रीय भाषाओं की श्रेणी में शामिल किया गया।
  • ओड़िया भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है।

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