ऑस्ट्रेलिया द्वारा लाखों मधुमक्खियों की हत्या | 06 Jul 2022

ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने वरोआ माइट (Varroa mites) नामक संभावित विनाशकारी परजीवी प्लेग को रोकने के प्रयास में पिछले दो हफ्तों में लाखों मधुमक्खियों को मार डाला है।

  • मधुमक्खियों को मारने का निर्णय बादाम, मैकाडामिया नट्स और ब्लूबेरी सहित कई फसलों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है जो परागण के लिये मधुमक्खियोंं पर निर्भर हैं।
  • मधुमक्खियांँ सबसे महत्त्वपूर्ण परागणकों में से एक है, जो खाद्य और खाद्य सुरक्षा, टिकाऊ कृषि और जैवविविधता सुनिश्चित करती हैं।

Varroa-mite

वरोआ माइट:

  • इसका परजीवी कीट मधुमक्खियों को संक्रमित करता है और खाता है, जिसे अक्सर वेरोआ विनाशक के रूप में जाना जाता है। ये छोटे कीट जो लाल-भूरे रंग के होते हैं मधुमक्खियों की पूरी कॉलोनियों को खत्म करने में सक्षम हैं।
  • वे अक्सर मधुमक्खी से मधुमक्खी तक और मधुमक्खी पालन के उपकरण (जैसे रिमूव कोंब) के माध्यम से पहुँचते हैं।
  • हालांँकि वरोआ माइट्स वयस्क मधुमक्खियों को खा सकते हैं और जीवित रह सकते हैं, वे मुख्य रूप से लार्वा और प्यूपा को खाते हैं और प्रजनन करते हैं, जिससे विकृति और कमज़ोर होने के साथ-साथ वायरस का संचरण भी होता है।
    • जैसे-जैसे मधुमक्खी कालोनियों में माइट्स की आबादी बढ़ती है, लक्षण अधिक गंभीर होते जाते हैं। आमतौर पर भारी संक्रमण के परिणामस्वरूप मधुमक्खियाँ अपंग हो जाती हैं, उनकी उड़ान क्षमता प्रभावित होती है तथा भोजन एकत्रित कर कॉलोनी में वापस आने की दर कम हो जाती है और अंततः कॉलोनी की उत्पादकता कम होती है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस