आत्मनिर्भर हस्तशिल्पकार योजना | 14 Dec 2021

हाल ही में पूर्वोत्तर क्षेत्र के कारीगरों के लिये पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत ‘आत्मनिर्भर हस्तशिल्पकार योजना’ की घोषणा की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:

    • इस क्षेत्र के छोटे स्तर पर काम करने वाले हस्तशिल्पकारों का विकास करने के उद्देश्य से आय सृजन गतिविधियों की स्थापना/विस्तार/आधुनिकीकरण/कार्यशील पूंजी की आवश्यकता और क्षेत्र से संबंधित अन्य गतिविधियों के लिये सावधि ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
    • योजना शुरू करते समय आयोजित समारोह के दौरान कुल 17 हस्तशिल्पकारों को प्रति कारीगर 1 लाख रुपए की ऋण सहायता प्रदान की गई है।
      • क्रेडिट सुविधा संपार्श्विक-मुक्त (Collateral-Free) है तथा जो 6% प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध है। यह ऋण 24 माह में चुकाने योग्य हो जाता है।
      • नियमित पुनर्भुगतान (Regular Repayment) हेतु, ब्याज दर पर 1% का इंसेंटिव प्रदान किया जाता है, जो कारीगरों को ऋण के सफल पुनर्भुगतान पर वापस कर दिया जाएगा।
  • पात्रता:

    • पंजीकृत/अपंजीकृत कारीगर/व्यक्ति।
    • वैध योग्यता होना या किसी शिल्पकला का अभ्यास करना।
    • किसी अन्य बैंक/वित्तीय संस्थान से कोई मौजूदा ऋण नहीं।
    • बैंक खाता।
  • लॉन्च:

    • उत्तर पूर्वी विकास वित्त निगम लिमिटेड (North Eastern Development Finance Corporation Ltd- NEDFi)।

NEDFi

  • NEDFi उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में एक प्रमुख वित्तीय संस्थान है।
  • 1995 में अपनी स्थापना के बाद से इसने एक महत्वपूर्ण रूप से 26 वर्ष से कार्यशील है।
  • इन वर्षों में, निगम ने 7500 से अधिक परियोजनाओं को ऋण प्रदान किया है और पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) गतिविधियों के माध्यम से कई विकास पहल की हैं।