एंटी-डंपिंग ड्यूटी | 15 Nov 2025
भारत ने वियतनाम से हॉट-रोल्ड स्टील के आयात पर पाँच वर्षों के लिये एंटी-डंपिंग ड्यूटी लागू कर दी है, क्योंकि जाँच में पाया गया कि अत्यधिक कम कीमतों पर हो रहे इन आयातों से देश के इस्पात उद्योग को नुकसान हो रहा है।
- यह कदम वाणिज्य विभाग के व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की जाँच रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है, जिसमें पाया गया कि वियतनाम से आने वाला इस्पात सामान्य मूल्य से कम दर पर डंप किया जा रहा था, जिससे भारतीय निर्माताओं को नुकसान पहुँचा। हालाँकि, स्टेनलेस स्टील के हॉट-रोल्ड उत्पाद को इस शुल्क से बाहर रखा गया है।
- भारत में एंटी-डंपिंग मामलों की जाँच वाणिज्य मंत्रालय के अधीन DGTR द्वारा की जाती है, जबकि वित्त मंत्रालय द्वारा शुल्क लगाया जाता है।
- एंटी-डंपिंग ड्यूटी: यह एक सुरक्षात्मक शुल्क (ड्यूटी) है, जिसे उन आयातित वस्तुओं पर लगाया जाता है जिनकी कीमत निर्यातक देश के सामान्य मूल्य से कम होती है।
- इसका प्राथमिक उद्देश्य घरेलू उद्योगों को अनुचित मूल्य वाले विदेशी आयातों से होने वाले नुकसान से बचाना है।
- भारत वैश्विक स्तर पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने वाला सबसे बड़ा देश है, इनमें से अधिकांश शुल्क चीनी आयातों पर लागू किये जाते हैं।
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियम, टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (1994) के अनुच्छेद 6 के माध्यम से सदस्य देशों को विशिष्ट और सख्ती से विनियमित शर्तों के तहत एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग ड्यूटी लगाने की अनुमति प्रदान करते हैं।
- एंटी-डंपिंग ड्यूटी बनाम काउंटरवेलिंग ड्यूटी (CVD):
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