अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना | 25 Jan 2024

स्रोत: द हिंदू 

केंद्र सरकार 'अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना' के तहत आर्द्रभूमि पर्यटन के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन की अगुवाई कर रही है। 

अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना क्या है?

  • परिचय:
    • 'अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना' की शुरुआत पर्यटन मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सहयोग से की गई थी।
    • आर्द्रभूमि के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहित करने तथा स्थानीय समुदायों के लिये जैवविविधता, कार्बन स्टॉक, इकोटूरिज़्म के अवसरों एवं आय सृजन को बढ़ाने के लिये इस योजना का कार्यान्वन किया गया।
      • योजना का प्राथमिक उद्देश्य पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील आर्द्रभूमियों पर रणनीतिक रूप से उच्च मात्रा वाले पर्यटन से उच्च मूल्य वाले प्रकृति पर्यटन में परिवर्तन करना है।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य संपूर्ण देश के रामसर स्थलों की प्रकृति-पर्यटन क्षमता का उपयोग कर स्थानीय समुदायों के लिये आजीविका के अवसरों में वृद्धि करना है।
  • क्रियान्वयन:
    • यह योजना विभिन्न केंद्र सरकार के मंत्रालयों और एजेंसियों, राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरणों, औपचारिक तथा अनौपचारिक संस्थानों एवं व्यक्तियों के एक नेटवर्क के साथ मिलकर एक सामान्य उद्देश्य के लिये काम करते हुए कार्यान्वित की जा रही है।
  • पायलट प्रोजेक्ट और कौशल विकास:
    • योजना के तहत 16 चिह्नित रामसर स्थलों में से पाँच को पायलट प्रोजेक्ट के लिये चुना गया है।
    • प्रतिभागियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम वैकल्पिक आजीविका कार्यक्रम (Alternative Livelihood Programme - ALP) (30 घंटे/15 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम) और पर्यटन नाविक प्रमाण-पत्र (पर्यटन के लिये नाविक प्रमाणन) के तहत चलाए जाते हैं।

नोट:

  • उच्च-मूल्य आय वाले यात्री वे व्यक्ति होते हैं जो संभवतः अधिक खर्च करने वाले, लंबे समय तक रुकने वाले और लोकप्रिय पर्यटन क्षेत्रों के बाहर के स्थानों की यात्रा करने वाले होते हैं।
  • प्राकृतिक पर्यटन किसी क्षेत्र के प्राकृतिक आकर्षणों, जैसे– बर्डवॉचिंग, फोटोग्राफी, स्टारगेजिंग, कैंपिंग, लंबी पैदल यात्रा, शिकार, मछली पकड़ने और पार्कों का दौरा करने पर आधारित है।
    • प्राकृतिक पर्यटक अनुभवी पर्यटक होते हैं जो प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों की विविधता में रुचि रखते हैं।

रामसर साइट क्या है?

  • रामसर स्थल रामसर अभिसमय के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि है, जिसे वर्ष 1971 में यूनेस्को द्वारा स्थापित एक अंतर-सरकारी पर्यावरण संधि 'आर्द्रभूमियों पर अभिसमय' के रूप में भी जाना जाता है और इसका नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहाँ उस वर्ष सम्मेलन पर हस्ताक्षर किये गए थे।
  • रामसर आर्द्रभूमि के संरक्षण और उनके संसाधनों के बुद्धिमानीपूर्ण टिकाऊ उपयोग के संबंध में राष्ट्रीय कार्रवाई तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करता है।
  • भारत की 11 नई आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल या अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों में शामिल किया गया है, इसके बाद अब देश में रामसर स्थलों की संख्या 75 हो गई।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. ‘‘यदि वर्षावन और उष्णकटिबंधीय वन पृथ्वी के फेफड़े हैं, तो निश्चित ही आर्द्रभूमियाँ इसके गुर्दों की तरह काम करती हैं।’’ निम्नलिखित में से आर्द्रभूमियों का कौन-सा एक कार्य उपर्युक्त कथन को सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करता है? (2022)

(a) आर्द्रभूमियों के जल चक्र में सतही अपवाह, अवमृदा अंत:स्रवण और वाष्पन शामिल होते हैं।
(b) शैवालों से वह पोषक आधार बनता है, जिस पर मत्स्य, परुषकवची (क्रश्टेशिआई), मृदुकवची (मोलस्क), पक्षी, सरीसृप और स्तनधारी फलते-फूलते हैं।
(c) आर्द्रभूमियाँ अवसाद संतुलन और मृदा स्थिरीकरण बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
(d) जलीय पादप भारी धातुओं और पोषकों के आधिक्य को अवशोषित कर लेते हैं।

उत्तर: (c)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. रामसर सम्मलेन के अनुसार, भारत के राज्यक्षेत्र में सभी आर्द्रभूमि को बचाना और संरक्षित रखना भारत सरकार के लिये अधिदेशात्म्क है।
  2. आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2010 भारत सरकार ने रामसर सम्मलेन की संस्तुतियों के आधार पर बनाए थे।
  3. आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2010 में आर्द्रभूमियों के अपवाह क्षेत्र या जलग्रहण क्षेत्रों को भी सम्मिलित करते हैं जैसा कि प्राधिकार द्वारा निर्धारित किया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)