ALMA टेलीस्कोप | 28 Feb 2023

ALMA (Atacama Large Millimetre/submillimetre Array) उत्तरी चिली के अटाकामा रेगिस्तान में स्थित रेडियो टेलीस्कोप है। इसका सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपग्रेड किया जाएगा।

  • अपग्रेड  ALMA अधिक डेटा एकत्र करने और स्पष्ट छवियाँ निर्मित करने में सक्षम होगा।

ALMA:

  • परिचय: 
    • ALMA एक अत्याधुनिक टेलीस्कोप है जो मिलीमीटर और सबमिलीमीटर तरंग दैर्ध्य पर आकाशीय पिंडों का अध्ययन करता है, ये धूल के बादलों के माध्यम से प्रवेश कर सकते हैं एवं खगोलविदों को धूमिल और दूर की आकाशगंगाओं तथा तारों की जाँच करने में मदद करते हैं। 
    • ALMA को यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला (European Southern Observatory- ESO), संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (National Science Foundation- NSF) और जापान के राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संस्थान (National Institutes of Natural Sciences- NINS) के साथ-साथ NRC (कनाडा), MOST और ASIAA (ताइवान) तथा KASI (कोरिया गणराज्य) व चिली गणराज्य के सहयोग से स्थापित किया गया है। 
  • विशेषताएँ: 
    • असाधारण संवेदनशीलता के चलते यह अत्यधिक धुँधले रेडियो संकेतों का भी पता लगाने में मदद करता है।
    • इसके 66 एंटेना में से प्रत्येक रिसीवर के एक सेट से लैस है जो विद्युत चुबंकीय स्पेक्ट्रम पर तरंग दैर्ध्य की विशिष्ट श्रेणियों का पता लगाने के लिये डिज़ाइन किये गए हैं।  
    • प्रत्येक एंटीना द्वारा एकत्र किये गए डेटा को एक छवि में संयोजित करने के लिये ALMA एक सहसंयोजक का उपयोग करता है।
      • ALMA कोरिटेलर एक शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर है जो एंटेना द्वारा एकत्र किये गए डेटा की विशाल मात्रा को संसाधित करता है और असाधारण रिज़ॉल्यूशन के साथ खगोलीय वस्तुओं की विस्तृत छवियाँ बनाता है।
      • यह तकनीक खगोलविदों को दूर की आकाशगंगाओं, सितारों और अन्य खगोलीय पिंडों का अध्ययन करने में सहायता प्रदान करती है, जो पहले संभव नहीं था।
  • ALMA द्वारा की गई खोजें:
    • वर्ष 2013 में ALMA ने स्टारबर्स्ट आकाशगंगाओं की खोज की जो ब्रह्मांड के इतिहास में अनुमानित समय के पूर्व से ही मौजूद थीं।
    • ALMA ने वर्ष 2014 में एक युवा तारे, HL तौरी (Tauri) के चारों ओर की प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क की विस्तृत छवियाँ भी प्रदान कीं, जिसने ग्रहों के निर्माण के बारे में मौजूदा सिद्धांतों को चुनौती दी।
    • इस टेलीस्कोप ने वर्ष 2015 में आइंस्टीन रिंग घटना को देखने में वैज्ञानिकों की सहायता की, ऐसी घटनाएँ तब होती हैं जब आकाशगंगा या तारे से प्रकाश पृथ्वी के रास्ते किसी विशाल वस्तु से गुज़रता है।

ALMA का चिली के अटाकामा मरुस्थल में स्थित होने का कारण:

  • यह चिली के अटाकामा मरुस्थल में चजनंतोर पठार पर समुद्र तल से 16,570 फीट (5,050 मीटर) की ऊँचाई पर स्थित है क्योंकि इसके द्वारा पता लगाए गए मिलीमीटर और सबमिलीमीटर तरंगें पृथ्वी पर वायुमंडलीय जल वाष्प अवशोषण के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं।
  • यह मरुस्थल पृथ्वी पर सबसे शुष्क क्षेत्र भी है, जिसका अर्थ है कि इसकी अधिकांश रातें बादल और नमी से मुक्त होती हैं, जिससे यह खगोलीय अवलोकन के लिये एक आदर्श स्थान बन जाता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस