भारत-विशिष्ट AI मॉडल के साथ गर्भावस्था देखभाल को आगे बढ़ाना | 02 Mar 2024
स्रोत: द हिंदू
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास तथा ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, फरीदाबाद के शोधकर्त्ताओं ने गर्भिनी-GA2 नामक एक भारत-विशिष्ट कृत्रिम बुद्धिमत्ता मॉडल विकसित करने के लिये सहयोग किया है, जो दूसरे चरण एवं गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में भ्रूण की गर्भकालीन आयु (GA) का सटीक निर्धारण करने के लिये तैयार किया गया है।
- गर्भ-इनी GA-2 आनुवंशिक एल्गोरिदम पर आधारित है। आनुवंशिक एल्गोरिथम विकास के साथ-साथ प्राकृतिक चयन सिद्धांतों से प्रेरित एक अनुकूलन तकनीक है।
- नवजात शिशु की देखभाल में सहायता के अतिरिक्त, गार्भिनी-GA2 महामारी विज्ञान के सटीक अनुमानों में भी योगदान देता है।
- यह भारतीय आबादी में भ्रूण की उम्र का सटीक निर्धारण करने में त्रुटि की संभावना को लगभग तीन गुना कम कर देता है।
- यह पहल गार्भिनी-GA2 कार्यक्रम का एक हिस्सा है, जो प्रसव-पूर्व देखभाल में सटीकता की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता को संबोधित करता है।
- गार्भिनी, भारत सरकार के जैवप्रौद्योगिकी विभाग (DBT) का एक प्रमुख कार्यक्रम है।
- यह माताओं के साथ-साथ बच्चों दोनों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिये समर्पित है, साथ ही जन्म-पूर्व जोखिमों की पहचान हेतु पूर्वानुमान का एक उपकरण भी है।
- लैंसेट रीज़नल हेल्थ साउथ-ईस्ट एशिया में प्रकाशित यह शोध भारत में गर्भावस्था देखभाल में सुधार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
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