NER ज़िला SDG सूचकांक का दूसरा संस्करण | 08 Jul 2025
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
नीति आयोग ने पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) ज़िला सतत् विकास लक्ष्य (SDG) सूचकांक रिपोर्ट (2023-24) का दूसरा संस्करण जारी किया है। वर्ष 2021 में जारी पहले संस्करण की गति पर आधारित यह सूचकांक SDG के संदर्भ में आठ पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न ज़िलों के प्रदर्शन को मापता है।
NER ज़िला SDG सूचकांक क्या है?
- NER ज़िला SDG सूचकांक एक समग्र उपकरण है जिसे चुनिंदा SDG संकेतकों पर ज़िला-स्तरीय प्रगति की निगरानी हेतु परिकल्पित किया गया है। इसे नीति आयोग और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (MoDoNER) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है तथा यह संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) से तकनीकी सहायता प्राप्त है।
- यह सूचकांक आठ पूर्वोत्तर राज्यों के 131 में से कुल 121 (92%) ज़िलों को कवर करता है।
- नीति आयोग की राष्ट्रीय SDG सूचकांक पद्धति के आधार पर, ज़िलों को उनके समग्र अंकों के आधार पर चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: अचीवर (स्कोर = 100), फ्रंट रनर (स्कोर 65-99), परफॉर्मर (स्कोर 50-64) और एस्पिरेंट (स्कोर < 50)।
- NER ज़िला SDG सूचकांक 2023-24 के प्रमुख निष्कर्ष: वर्ष 2023-24 के संस्करण में, NER के 85% ज़िले फ्रंट रनर श्रेणी (स्कोर 65-99) में हैं, जो पिछले संस्करण के 62% से अधिक है, जो समग्र जिला प्रदर्शन में महत्त्वपूर्ण सुधार को दर्शाता है।
- मिज़ोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के सभी ज़िलों ने फ्रंट रनर का दर्जा हासिल कर लिया है तथा कोई भी जिला आकांक्षी या अचीवर श्रेणी में नहीं आता है।
- पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में सबसे अधिक स्कोर वाला ज़िला मिज़ोरम का है (हनाहथियाल 81.43 का स्कोर) और पूरे क्षेत्र में सबसे कम स्कोर वाला ज़िला अरुणाचल प्रदेश का है (लोंगडिंग 58.71 का स्कोर)।
- उच्चतम और निम्नतम स्कोर वाले ज़िले के मामले में सिक्किम में रेंज सबसे कम (5.5 अंक) है, जोकि इसके विभिन्न ज़िलों में सबसे अधिक सुसंगत प्रदर्शन को दर्शाता है।
- NER ज़िला SDG सूचकांक का महत्त्व: NER ज़िला SDG सूचकांक साक्ष्य-आधारित योजना, संसाधन आवंटन और विकासात्मक प्रयासों की निगरानी के एक महत्त्वपूर्ण नीतिगत उपकरण के रूप में कार्य करता है।
- यह सूचकांक विकास अंतरालों की पहचान करने, लक्षित उपायों का मार्गदर्शन करने, कुशल संसाधन परिनियोजन सुनिश्चित करने और सहकारी संघवाद के दृष्टिकोण के साथ सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण को समर्थन प्रदान करने में मदद करता है।
- यह अधिक केंद्रित और प्रभावी परिणामों के लिये राष्ट्रीय विकास कार्यक्रमों को स्थानीय आवश्यकताओं के साथ संरेखित करता है।
- यह पहल क्षेत्र में सतत् एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देने हेतु राज्यों, नीति आयोग और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय को एक साथ लाती है, जो भारत के व्यापक विकसित भारत @2047 विज़न के अनुरूप है।
नीति आयोग का राष्ट्रीय SDG सूचकांक
- परिचय: SDG इंडिया इंडेक्स राष्ट्रीय संकेतक ढाँचे (National Indicator Framework) से जुड़े 113 संकेतकों का उपयोग करके राष्ट्रीय प्रगति को मापता है। 16 सतत् विकास लक्ष्यों के लिये लक्ष्य के अनुसार स्कोर की गणना की जाती है तथा प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के लिये समग्र अंक निकाले जाते हैं। सूचकांक के समग्र अंक की गणना में लक्ष्य 14 (जल के नीचे जीवन) को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि यह केवल नौ तटीय राज्यों से संबंधित है।
- राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों को उनके SDG इंडिया इंडेक्स स्कोर के आधार पर इस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है: आकांक्षी/एस्पिरेंट: 0-49, परफॉर्मर: 50-64, फ्रंट रनर: 65-99 और अचीवर: 100।
- SDG इंडिया इंडेक्स 2023-24 : भारत का SDG स्कोर बढ़कर 71 हो गया (2020-21 में 66 और 2018 में 57 से), गरीबी में कमी, आर्थिक विकास और जलवायु कार्रवाई में लाभ से प्रेरित।
- सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य: केरल और उत्तराखंड ने 79 अंकों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
- सबसे कम प्रदर्शन करने वाले राज्य: बिहार (57 अंक) और झारखंड (62 अंक)।
- सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले लक्ष्य: लक्ष्य 13 (जलवायु कार्रवाई) का स्कोर 54 से बढ़कर 67 हो गया और लक्ष्य 1 (गरीबी उन्मूलन) में सुधार होकर 60 से 72 हो गया।
- लक्ष्य 1, 8 और 13 अब फ्रंट रनर श्रेणी में हैं (स्कोर 65 से 99 के बीच)।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. धारणीय विकास, भावी पीढ़ियों के अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के सामर्थ्य से समझौता किये बगैर, वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस परिप्रेक्ष्य में धारणीय विकास का सिद्धान्त निम्नलिखित में से किस एक सिद्धांत के साथ स्वाभाविक रूप से जुड़ा हुआ है? (a) सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण मेन्सप्रश्न. सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने के लिये सस्ती, विश्वसनीय, सतत्और आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच अनिवार्य है।" इस संबंध में भारत में हुई प्रगति पर टिप्पणी कीजिये। (2018) |