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साइबर सुरक्षा रणनीति की आवश्यकता | 27 Jun 2020 | आंतरिक सुरक्षा

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में साइबर सुरक्षा रणनीति की आवश्यकता व उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।

संदर्भ 

हम जितनी तेज़ी से डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं, ठीक उतनी ही तेज़ी से साइबर अपराध की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। इसका एक ताजा उदाहरण ऑस्ट्रेलिया की संचार प्रणाली पर हुआ साइबर हमला है, जिसने शासन व्यवस्था की संचार प्रणाली को बाधित कर दिया है। साइबर विशेषज्ञों ने भारत में भी एक बड़े साइबर हमले की आशंका व्यक्त की है। 

भारत में पूर्व में भी बढ़ती आवृत्ति के साथ साइबर हमले होते रहे हैं।  उदाहरण के लिये वर्ष 2016 में बैंक खाताधारकों के 3.2 मिलियन डेबिट कार्ड की व्यक्तिगत जानकारी का लीक होना और उनका डेटा चोरी होना भारत में एक बड़ा साइबर हमला था। वर्तमान में साइबर सुरक्षा रणनीति, राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अभिन्न अंग बन गया है। इसका प्रभाव क्षेत्र किसी देश के शासन, अर्थव्यवस्था और कल्याण के सभी पहलुओं को कवर करने में सैन्य प्रभाव व उसकी महत्ता से किसी भी प्रकार से कम नहीं है। आज के समय में इंटरनेट का उपयोग लगभग हर क्षेत्र में किया जाता है। इंटरनेट के विकास और इसके संबंधित लाभों के साथ साइबर अपराधों की अवधारणा भी विकसित हुई है।

इस आलेख में साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा ढाँचे के अद्यतनीकरण की आवश्यकता, साइबर सुरक्षा दृष्टिकोण की चुनौतियाँ और सरकार के द्वारा किये गए प्रयासों पर विमर्श किया जाएगा। 

साइबर अपराध क्या है?

साइबर सुरक्षा ढाँचे के अद्यतनीकरण की आवश्यकता क्यों?

साइबर सुरक्षा दृष्टिकोण की चुनौतियाँ

साइबर सुरक्षा की दिशा में किये गए सरकार के प्रयास

आगे की राह

प्रश्न- भारत को साइबर सुरक्षा ढाँचे के अद्यतनीकरण की आवश्यकता क्यों है? साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों का उल्लेख करते हुए इसके समाधान हेतु किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा कीजिये।