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जीएसटी : एक बेहतर विकल्प | 05 Apr 2017 | अंतर्राष्ट्रीय संबंध

गौरतलब है कि 29 मार्च 2017 को लोकसभा द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित सभी विधेयकों पर हस्ताक्षर कर दिये। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित सभी विधेयकों को लोक सभा से हरी झंडी मिलने के बाद अब सारा बल इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली से जुड़े नियमों और दरों के निर्धारण पर केंद्रित हो गया है। हालाँकि इस परिदृश्य में न केवल सरकार वरन् संपूर्ण उद्योग जगत भी जीएसटी के अनुपालन संबंधी प्रावधानों को लागू करने के लिये तैयार है।

जीएसटी की पृष्ठभूमि

केंद्र एवं राज्य सरकार के नज़रिये से जीएसटी 

व्यापार एवं उद्योग जगत के नज़रिये से जीएसटी

उत्पादकों एवं निर्यातकों के नज़रिये से जीएसटी

उपभोक्ताओं के नज़रिये से जीएसटी 

अन्य प्रमुख बिंदु

जीएसटी लागू करने के संबंध में देश की वास्तविक स्थिति

निष्कर्ष
स्पष्ट है कि विभिन्न अंशधारकों के नज़रिये से जीएसटी के विषय में अध्ययन करने के पश्चात् हमे ज्ञात होता है कि इसका देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव होगा। साथ ही पारदर्शिता एवं तकनीकी दृष्टि से लाभकारी होने के परिणामस्वरूप इसके लागू होने के पश्चात् देश की कर व्यवस्था एवं जीडीपी अनुपात में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। वस्तुतः यह सरकार का एक अत्यंत की प्रशंसनीय कदम सबित होगा। अब देखना यह होगा कि नियत समय एवं संपूर्ण व्यवस्था के साथ लागू होने के उपरांत स्वतंत्रता के पश्चात् बड़े देश के अब तक के सबसे बड़े कर सुधार का देश की अर्थव्यवस्था पर कैसा एवं कितना प्रभाव परिलक्षित होता है।