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चुनाव के संरक्षक निकाय को मज़बूत करना | 30 Nov 2022 | भारतीय राजनीति

यह एडिटोरियल 28/11/2022 को ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित “Is Election Commission becoming a victim of judiciary-government crossfire over appointments?” लेख पर आधारित है। इसमें भारत निर्वाचन आयोग और उससे संबद्ध मुद्दों के बारे में चर्चा की गई है।

भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India- ECI) एक स्वायत्त और स्थायी संवैधानिक निकाय है जो भारत के संघ और राज्यों में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव आयोजित कराने के लिये उत्तरदायी है।

संविधान भारत निर्वाचन आयोग को संसद, राज्य विधानमंडलों, भारत के राष्ट्रपति के कार्यालय और भारत के उपराष्ट्रपति के कार्यालय के निर्वाचन के निर्देशन, अधीक्षण और नियंत्रण की शक्ति सौंपता है। ECI राज्यों में शहरी निकायों (जैसे नगर पालिकाओं) और पंचायतों के चुनावों से संबद्ध नहीं है। ECI निकट अतीत में भारत में चुनावों के संरक्षक निकाय के रूप में अपनी स्वतंत्रता और विश्वसनीयता को लेकर, विशेष रूप से मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner- CEC) की नियुक्ति के संबंध में, कई विवादों से प्रभावित रहा है जिस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

भारत निर्वाचन आयोग का संघटन:

निर्वाचन आयोग की शक्तियाँ और ज़िम्मेदारियाँ:

निर्वाचन आयोग से संबद्ध हाल के मुद्दे:

आगे की राह:

अभ्यास प्रश्न: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) भारत में चुनावी लोकतंत्र का आधार है, लेकिन हाल में इसकी संस्थागत विश्वसनीयता के बारे में चिंताएँ उत्पन्न हुई हैं। टिप्पणी कीजिये।

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. भारत का चुनाव आयोग पांँच सदस्यीय निकाय है।
  2. केंद्रीय गृह मंत्रालय आम चुनाव और उपचुनाव दोनों के संचालन के लिये चुनाव कार्यक्रम तय करता है।
  3. चुनाव आयोग मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के विभाजन/विलय से संबंधित विवादों का समाधान करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) केवल 3

उत्तर: (d)


मेन्स

प्र. आदर्श आचार संहिता के विकास के आलोक में भारत के चुनाव आयोग की भूमिका पर चर्चा कीजिये। (2022)