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प्राकृतिक खेती हेतु रणनीति | 25 Feb 2022 | कृषि

यह एडिटोरियल 24/02/2022 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “Road To Natural Farming” लेख पर आधारित है। इसमें प्राकृतिक खेती के महत्त्व के संबंध में चर्चा की गई है।

संदर्भ

अपने बजट संभाषण में भारत की वित्त मंत्री ने प्राकृतिक, रसायन-मुक्त, जैविक एवं शून्य-बजट प्राकृतिक खेती (Zero-Budget Natural Farming- ZBNF) के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। पिछले चार बजट संभाषणों में यह तीसरी बार है जब उन्होंने (शून्य बजट) प्राकृतिक खेती का उल्लेख किया है।

प्राकृतिक खेती—जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, कम संसाधनों के साथ अधिक परिणाम प्राप्त करने हेतु प्रकृति के साथ समन्वय में कार्य करने की कला है।

हालाँकि यह अभ्यास अभी तक पैदावार में गिरावट और किसानों की आय में अधिक सुधार करने में सफल नहीं रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिये, किसानों को रसायन-मुक्त खेती के लिये प्रोत्साहन देना और उन्हें पहले से ही प्राकृतिक खेती में संलग्न अन्य किसानों एवं संस्थाओं की सहायता उपलब्ध करना एक आदर्श कदम होगा।

प्राकृतिक या रसायन-मुक्त खेती

प्राकृतिक खेती और इसका महत्त्व 

इस संबंध में शुरू की गई विभिन्न पहलें 

संबद्ध मुद्दे

रसायन-मुक्त/प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये क्या उपाय किये जा सकते हैं?

अभ्यास प्रश्न: प्राकृतिक खेती के महत्त्व पर चर्चा कीजिये और वे उपाय सुझाइए जो पारंपरिक खेती से रसायन-मुक्त खेती की ओर सुचारु ट्रांजीशन हेतु किये जा सकते हैं।