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विधि आयोग में सुधार | 03 Sep 2019 | भारतीय राजनीति

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस आलेख में विधि आयोग में सुधार तथा इस आयोग के महत्त्व की चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।

संदर्भ

विधि आयोग (Law Commission) की संरचना

21वें विधि आयोग का कार्यकाल तीन वर्ष पश्चात् अथवा 31 अगस्त, 2018 को समाप्त हो गया है, अभी तक नए आयोग का गठन नहीं किया जा सका है।

21वें विधि आयोग में शामिल सदस्य-

कार्यप्रणाली

वैधानिक सुधारों में विधि आयोग की भूमिका

21वें विधि आयोग द्वारा निम्नलिखित रिपोर्ट्स प्रस्तुत की गई हैं-

विधि आयोग में सुधार

20वें विधि आयोग के अध्यक्ष ए.पी. शाह द्वारा विधि आयोग में कई सुधारों की वकालत की गई है-

विधि आयोग में सुधार हेतु हाल ही में किये गए प्रयास

निष्कर्ष

भारत में यद्यपि विधि आयोग का दर्जा सलाहकारी है किंतु भारत में विधि सुधारों हेतु यह महत्त्वपूर्ण निकाय है। विधि आयोग न सिर्फ कानून मंत्रालय बल्कि अन्य विधि संस्थानों जिसमें सर्वोच्च न्यायालय भी शामिल है, को विधि से संबंधित विशेषज्ञता प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाता है। अतीत में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गए विभिन्न निर्णयों में विधि आयोग के कार्यों एवं सिफारिशों का संदर्भ दिया जाता रहा है। अतः विधि आयोग की कार्यशैली और क्षमता में और अधिक सुधार हेतु इसकी संरचना में सुधार करना आवश्यक है। इन सुधारों में आयोग को विधिक दर्जा देना, निधि की उचित व्यवस्था तथा स्वायत्तता प्रदान करने जैसे सुधार अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।

प्रश्न: भारत में विधिक सुधारों में विधि आयोग की भूमिका की चर्चा कीजिये। साथ ही यह भी बताइये कि विधि आयोग में किस प्रकार के सुधारों की आवश्यकता है?