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पीएम वाणी योजना | 15 Dec 2020 | शासन व्यवस्था

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में हाल ही में शुरू की गई पीएम वाणी योजना के संभावित लाभ और इसकी चुनौतियों के साथ इससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।

संदर्भ:

हाल ही में देश भर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट के प्रसार को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार द्वारा ‘प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस’ (Prime Minister WiFi Access Network Interface) या ‘प्रधानमंत्री वाणी (PM- WANI) योजना’ की शुरुआत की  गई है। इस योजना का लक्ष्य देश भर में  इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल पहुँच में सुधार के लिये बड़े पैमाने पर वाई-फाई हॉटस्पॉट की स्थापना करना है। इस योजना के तहत स्थानीय किराना और निकटवर्ती दुकानों द्वारा ‘सार्वजनिक डेटा कार्यालयों’ (PDO) के माध्यम से वाई-फाई नेटवर्क या एक्सेस पॉइंट की स्थापना करने की परिकल्पना की गई है। PDO की स्थापना ‘सार्वजनिक कॉल कार्यालय’ (PCO) की तर्ज पर की जाएगी और इसके लिये किसी भी प्रकार के  लाइसेंस, शुल्क या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी।

 सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क अब तक इंटरनेट की पहुँच से बाहर रहे लोगों के लिये एक वहनीय विकल्प और अर्थव्यवस्था की वृद्धि में सहायक होने के साथ ही तकनीकी क्षेत्र में भी क्रांति ला सकता है तथा देश भर में वाई-फाई की उपलब्धता में काफी सुधार ला सकता है। 

पीएम वाणी के संभावित लाभ: 

पीएम वाणी से जुड़ी चुनौतियाँ:

आगे की राह: 

निष्कर्ष:   

यदि पीएम वाणी योजना को सही तरीके से कार्यान्वित किया जाता है, तो यह इंटरनेट के संदर्भ में उसी प्रकार प्रभावी सिद्ध हो सकती है जिस तरह PCO फोन कॉल के लिये हुआ था अर्थात ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’  से आगे बढ़ते हुए वास्तव में नागरिकों को सशक्त बनाने और ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ प्रदान  करने का प्रयास करना।        

अभ्यास प्रश्न:  ‘पीएम वाणी योजना’ भारत के तकनीकी क्षेत्र में क्रांति लाने के साथ देश में डिजिटल विभाजन की समस्या को काफी हद तक कम कर सकती है। चर्चा कीजिये।