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पीडीएस और बॉयोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन: चिंताजनक हैं प्रौद्योगिकी केंद्रित समाधान | 18 Jan 2018 | भारतीय अर्थव्यवस्था

संदर्भ:

क्या है पीडीएस?

पीडीएस की पृष्ठभूमि 

पीडीएस का महत्त्व एवं इसकी कमियाँ 

Value OF PDS

 वर्तमान चिंताएँ
बॉयोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन जैसे प्रौद्योगिकी केंद्रित सुधारों के कारण कई राज्यों में पीडीएस व्यवस्था पटरी से उतरी हुई प्रतीत हो रही है।

⇒ वर्ष 2016 के मध्य तक झारखंड में पीडीएस प्रणाली सुचारु ढंग से काम कर रही थी।
⇒ किंतु, जैसे ही पीडीएस में आधार आधरित बॉयोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन अनिवार्य बना दिया गया विधवाओं एवं बुजुर्गों जैसे कमज़ोर समूहों से संबंध रखने वाले लोग इससे से बाहर हो गए।
⇒ साथ ही पीड़ितों को सूचित किये बिना उन राशन कार्डों का सत्यापन रद्द कर दिया गया जो आधार से नहीं जुड़े थे। यह व्यवहार अमानवीय और अवैध दोनों है।
⇒ झारखंड पीडीएस के अस्थिरता के मामलों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य है।

⇒ राजस्थान में भी बॉयोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के कारण झारखंड जैसी ही परिस्थितियाँ देखने को मिलीं हैं और यह स्वयं सरकार के लेन-देन के आँकड़ों से स्पष्ट है।

⇒ छत्तीसगढ़ जो कि अपने मॉडल पीडीएस के लिये जाना जाता है, आधार आधारित तकनीक सुधारों को अपनाने के बाद दबाव झेल रहा है।

समस्या के कारण

Seeding

प्रौद्योगिकी केंद्रित उपायों के सकारात्मक प्रभाव

तकनीकी विकास का मूल उद्देश्य ही मानव जीवन को सुविधाजनक और बेहतर बनाना है और पीडीएस में लाए गए प्रौद्योगिकी केंद्रित उपायों के सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिले हैं। 

Door to Door

आगे की राह

Biomatric

निष्कर्ष